पटवारी आलोक पांडे एवं तहसीलदार जीवन मोद्यी के लिए घट्टिया राजस्व चारागाह बना अहस्तांतरणीय जमीन का हस्तांतरण, बैंक बंधक पर नामांतरण -पटवारी की कई शिकायतें फिर भी बराबर कर रहा राजस्व रेकार्ड में गोलमाल

उज्जैन। घट्टिया राजस्व को यहां पदस्थ पटवारी आलोक पांडे ने तहसीलदार के प्रश्रय के चलते चारागाह बना दिया है। इनकी मिलीभगत से तहसील में अहस्तांतरणीय जमीनों का हस्तांतरण, बैंक में बंधक जमीनों का नामांतरण किया जा रहा है। पटवारी की कई शिकायतें सामने होने पर भी तहसीलदार की गजब की मेहरबानी इन पर है। यहां तक की राजस्व के रेकार्ड में भी यह गोलमाल करने में लगा हुआ है। एसडीएम के पास जानकारी पहुंचने पर पटवारी को नोटिस जारी किया गया है।

 घट्टिया तहसील के सिलोदा रावल,बडवई ,इलियास खेडी के पटवारी आलोक पांडे के विरूद्ध एक के बाद एक कारनामों का पुलिंदा सामने आने के हाल बन गए हैं। पटवारी के हल्का नं.64 आंवलिया , भूतियामें पदस्थ रहने के दौरान इसने अनुसूचित जाति की अहस्तांतरणीय जमीन जो कि ऐसे लोगों के लिए जीविकोपार्जन के लिए रहती है उसमें जमीन को हस्तांतरित करवा दिया। यह जमीन सर्वे नं.41 की करीब पौने पांच बीघा है। यही नहीं मिली भगत के चलते तहसील में बैंक बंधक जमीनों के भी यहां नामातंरण किए जाने में देर नहीं की जा रही है मात्र हरी हवा चलने की देर है और ऐसी भूमियों पर नामांतरण किया जा रहा है। अघोषित रूप से प्रश्रय के चलते पटवारी अन्य हल्कों के प्रकरणों में भी हरी हवा चलाने में सहयोग कर रहा है । क्षेत्र में पक्के निर्माण की कोई अनुमति नहीं होने के बाद भी पटवारी आलोक पांडे व तहसीलदार की सांठगांठ के साथ यहां धडल्ले से ऐसे निर्माण अंजाम दिए जा रहे हैं।  खास बात तो यह है कि पटवारी आलोक को उज्जैनियां के हल्के से घोषित तौर पर कागजों में हटा दिया गया है इसके बाद भी यह यहां के नामांतरण तक के कार्यों को अंजाम बराबर दे रहा है। यहां के नामांतरण के कार्यों में सीधे तौर पर यही संलिप्त है। है। हाल यह हैं कि उज्जैनिया एवं निपानिया गोयल में गौरी गणेश नाम से दोनो गांव में फार्म हाउस काट कर प्लॉट के नामांतरण तहसीलदार द्वारा जमकर चली हरी हवा में किए जा रहे हैं। फार्म हाउस काटने वाले ने कृषि भूमि पर बिना परमिशन बिना टी एन सी के पक्के सड़क नाली निर्माण किया जा रहा है। खास तो यह है कि पटवारी पांडे के पास सिलोदा रावल सहित तीन गांव का दायित्व है फिर ये उज्जैनिया के नामांतरण अमल का अधिकार घोषित / अघोषित क्यों रखे हुए है।

-पटवारी की बढती शिकायतों को लेकर उन्हें नोटिस देकर संबंधित प्रकरणों का जवाब मांगा गया है। तीन दिन में उन्हें जवाब देने के लिए पाबंद किया गया है। जवाब अनुसार उन पर कार्रवाई की जाएगी। भूतिया की अहस्तांतरणीय जमीन सहित जो भी प्रकरण सामने आएंगे जांच करवाई जाएगी।

-राजाराम करजरे, एसडीएम,घट्टिया

अजा की जमीन कर दी हस्तांतरित-

बताया जा रहा है कि  प्रकरण 0317/अ-8 (अ)/2024-25 प्रकरण में आवेदक तेजराम पिता तौलाराम जाति बलाई निवासी ग्राम भूतिया ने आवेदन पेश किया था। उसने ग्राम भूतिया में भूमि सर्वे क्रमांक 41/1 रकबा 0.95 हे पर कॉलम नंबर 12 में दर्ज अहस्तांतरणीय विलोपित किये के मामले में गोलमाल किया है। पटवारी ने जाँच प्रतिवेदन में  भूमि पर गेधा पिता भेरा जाति बंजारा का कब्जा है। प्रश्नाधीन भूमि का मूल सर्वे नंबर 41 रकबा 3. 95 हे मिसल बंदोबस्त में म.प्र शासन के नाम दर्ज है। प्रश्नाधीन भूगि वर्तमान रिकार्ड में तेजाराम पिता तोलाराम जाति बलाई के नाम दर्ज है। (अहस्तांतरणीय), प्रश्नाधीन भूमि के वर्तमान में 5 बटे नंबर है। 41/1 रकबा 0.95 हे ‘तेजाराम पिता तोलाराम जाति बलाई अस्तांतरणीय, 41/2 रकबा 0.50 हे संपतबाई पति पर्वत जाति बलाई अहस्तांतरणीय, 41/3 रकबा 0.50 हे. रतन पिता लक्ष्मण जाति बागरी अस्तांतरणीय, सर्वे क्रमांक 41/4 रकबा 0.50 हे रमेश पिता बापूजी जाति चलाई अस्तांतरणीय, 41/5 रकबा 1.50 हे नारायण पिता सवजी कोटवार भूमि अस्तांतरणीय । प्रश्नाधीन भूमि का मूल सर्वे नंबर से मिलान हो रहा है। प्रश्नाधीन भूमि पूर्व में शासकीय थी। प्रश्नाधीन भूमि सिलिंग प्रभावित नहीं है। प्रकरण में पटवारी ने घट्टिया ही नहीं जिले के अपर कलेक्टर को अपने गोलमाल में उलझा दिया।

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