उज्जैन
न्यायालय विशेष न्यायाधीश महोदय (पॉक्सो एक्ट) जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी अब्दुल सईद पिता अब्दुल अजीज उम्र 50 वर्ष निवासी ग्राम केसवाल माकड़ौन हाल मुकाम गली नंबर 02 नागझिरी जिला उज्जैन म.प्र. को धारा 363,366,376 (2) (एन), 376 (2) (एफ), व 344 भारतीय दण्ड संहिता एवं धारा 5 (एल) सहपठित धारा 6 एवं धारा 5 (एन) सहपठित धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में आजीवन कारावास शेष प्राकृत जीवनकाल के कठोर कारावास एवं कुल 5000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रभारी उप-संचालक अभियोजन राजेन्द्र कुमार खाण्डेगर ने बताया कि प्रकरण के फरियादी अभियोक्ती के पिता ने अपने छोटे भाई के साथ आकर दिनांक 17.08.2023 को आरक्षी केन्द्र नागझिरी में उपस्थित होकर इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि वह वेल्डिंग का काम करता है और विगत एक वर्ष से किराये के मकान में निवास कर रहा है। उसकी दो बडी लडकियों की शादी हो चुकी है, दोनों अपने-अपने ससुराल में रहती हैं तथा छोटी लडकी अभियोक्ती उम्र 16 साल 10 माह उसके साथ रहती है. कल रात को वे सभी लोग खाना खाकर सो गये थे, जब सुबह उसकी पत्नि ने लगभग 05:30 बजे उठ कर देखा तो अभियोक्ती अपने बिस्तर पर ही थी तथा सुबह लगभग 07:00 बजे उसकी बेटी अभियोक्ती घर में नहीं दिखी तो उन्होंने उसकी सहेली व रिश्तेदारी में उसकी सभी स्थानों पर तलाश की किंतु उसका कोई पता नहीं चला है, उसकी लडकी को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसला कर भगा कर साथ ले गया है। उसे शंका है कि उसकी लडकी को उसके मौसाजी अब्दुल सईद, निवासी नागझिरी बहला फुसला कर ले गया होगा। उक्त आशय की रिपोर्ट पर से थाना नागझिरी के अपराध क्रमांक 260/2023 धारा 363 भा.दं.सं. का पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। दिनांक 01.10.2023 को अभियोक्ती की दस्तयाबी उपरांत अभियोक्ती ने उसे अभियुक्त द्वारा बहला-फुसला कर गुजरात ले जाकर वहां किराये के कमरे में रख कर उसके साथ कई बार लैंगिक संभोग किए जाने बाबत कथन करने पर अभियुक्त के विरूद्ध धारा 366, 376 (2) (एन) व 344 भा.दं.सं. एवं धारा 5 (एल) सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धाराओं का इजाफा किया गया एवं विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार किया गया तथा संपूर्ण अन्वेषण पश्चात् अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। पैरवीकर्ता अधिकारी सूरज बछेरिया, अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी उज्जैन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को माननीय न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया।
