दिसंबर में भी 6 तक ही रहेगा मुहूर्र्त उसके बाद मलमास अब सीधे नवंबर-दिसंबर में मिलेंगे 9 विवाह मुहूर्त -अगले वर्ष मार्च-अप्रेल में भी मलमास होने से नहीं होगे विवाह

उज्जैन। 8 जून रविवार से एक बार फिर से विवाह मुहूर्त रूक गए है। अभी एक माह गुरू अस्त होने से 12 जून से 08 जुलाई तक विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे तो 06 जुलाई देवशयनी एकादशी से चातुर्मास काल शुरुआत हो जाएगा, इसके बाद 02 नवंबर तक देव शयन रहेगा। ऐसे में 17 नवंबर से 6 दिसंबर तक ही विवाह मुहूर्त सामने आ रहे हैं और वो भी मात्र 9 मुहूर्त  रहेंगे।

विवाह आयोजनों से एक बहुत बडा वर्ग जुडा हुआ है। इन आयोजनों से अनेकों व्यवसाय को आधार मिलता है। विवाह मुहूर्त नहीं होने से इससे जुडे लोगों को अन्य कार्यों के लिए मजबूर होना पडता है। अब करीब 6 माह के अंतराल के बाद ही विवाह मुहूर्त की स्थिति बनेगी। पं.प्रणयन पाठक बताते हैं कि आगामी समय में 17 नवंबर से 6 दिसंबर तक ही उत्तम समय में 9 विवाह मुहुर्त रहेंगे। इनमें 17,21,23,24,25,29,30 नवंबर एवं 5-6 दिसंबर को विवाह के मुहूर्त हैं। 14 दिसंबर से 31 जनवरी 2026 तक शुक्र तारा अस्त रहने से विवाह आदि मांगलिक कार्य पर फिर से रोक लग जाएगी। इसके बाद 15 दिसंबर से 15 जनवरी मलमास की स्थिति रहने के कारण विवाह मुहूर्त पर ब्रेक लगा रहेगा। इसके उपरांत 5 फरवरी से 13 मार्च तक मुहूर्त रहने वाले हैं। इसके बाद एक बार फिर से 15 मार्च से 15 अप्रेल तक मलमास होने से विवाह में रूकावट रहेंगी।

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