जल संरक्षण की चौपाल में अफसरों की ‘शाही दावत’ 13 किलो ड्राई फ्रूट, 30 किलो नमकीन और घी-दूध के बिल ने उठाए सवाल, कुल खर्च 19,000 के पार

13 किलो ड्राई फ्रूट, 30 किलो नमकीन और घी-दूध के बिल ने उठाए सवाल, कुल खर्च 19,000 के पार

शहडोल | 11 जुलाई 2025
मध्यप्रदेश में सरकार गांव-गांव जाकर जल संरक्षण की मुहिम चला रही है, लेकिन शहडोल जिले के भदवाही गांव में आयोजित एक सरकारी चौपाल में अफसरों की मेहमाननवाज़ी ने इस मुहिम की गंभीरता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। एक घंटे चले इस कार्यक्रम में 13 किलो ड्राई फ्रूट, 30 किलो नमकीन और घी-दूध जैसे शाही खानपान का इंतजाम किया गया, जिसकी लागत 19,010 रुपये दर्ज की गई।


🧾 चौपाल का ‘खर्चीला’ मेन्यू

सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, सिर्फ एक घंटे की चौपाल के लिए जो सामग्री खरीदी गई, उसमें शामिल हैं:

  • 5 किलो काजू

  • 5 किलो बादाम

  • 3 किलो किशमिश

  • 30 किलो नमकीन

  • 6 किलो दूध

  • 2 किलो घी

  • 5 किलो शक्कर

  • 20 बिस्किट पैकेट

इसके अलावा 5,260 रुपये का एक अलग बिल भी सामने आया, जिसमें विशेष रूप से घी की खरीदारी का उल्लेख है।


🌧️ सवालों की बारिश, जब ज़मीन सूखी है

जब पूरे प्रदेश में सरकार जल संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ा रही है, तालाब और कुएं सूख रहे हैं, और कई गांवों में पेयजल संकट बना हुआ है — तब इस तरह के आयोजनों में सरकारी पैसों की शाही ‘बरसात’ पर लोग सवाल उठा रहे हैं।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है:
“पानी की बात करने आए अफसर, खुद तो दूध और काजू से स्वागत करवा रहे हैं, लेकिन गांव में न तो टंकी है, न पाइपलाइन…”


🕵️ जांच के आदेश

जिला पंचायत प्रभारी CEO मुद्रिका सिंह ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा:

“हमें जानकारी मिली है, इस पर जांच की जा रही है। यदि अनावश्यक खर्च पाए गए तो कार्रवाई की जाएगी।”


📌 यह पहली बार नहीं…

सरकारी आयोजनों में इस तरह के बेजा खर्च और खानपान की फिजूलखर्ची कोई नई बात नहीं है। मगर जब मामला जल संरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे से जुड़ा हो, तो यह और अधिक नैतिक सवाल खड़े करता है।

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