उज्जैन। सीने में दर्द होने का झांसा देकर केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में बंद प्राणघातक हमले का आरोपी उपचार के लिये चरक भवन के जेल वार्ड में भर्ती हो गया। जहां पुलिसकर्मियों के साथ शराब पार्टी के साथ जुआं खेल रहा था। वीडियो वायरल होने के बाद गुरूवार को एसपी ने पांच पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया।
सितंबर 2024 में अनिल सिंदल पर कोतवाली क्षेत्र में सुबह-सुबह उसके भतीजे अजय सिंदल ने प्राणघातक हमला कर दिया था। पुलिस ने मामले में अजय और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। कुछ दिनों बाद अजय की गिरफ्तारी की गई और उसके कोर्ट में पेश कर केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ भेज दिया गया। लेकिन वह कुछ दिनों पहले सीने में दर्द का झांसा देकर जेल से उपचार के लिये चरक भवन (सरकारी अस्पताल) के जेल वार्ड में आकर भर्ती हो गया। वह भी 15 दिनों के लिये। इससे पहले भी प्राणघातक हमले का आरोपी अजय सिंदल उपचार के लिये चरक भवन में भर्ती हो चुका था। उसके दोबारा भर्ती होने पर हमले में घायल अनिल सिंदल के पुत्र शुभम ने निगरानी की और जेल वार्ड में आरोपी द्वारा पुलिसकर्मियों के साथ मनाई जा रही पार्टी का मोबाइल से वीडियो बना लिया। जो सोशल मीडिया पर गुरूवार को वायरल हुआ। पुलिस की मौजूदगी में आरोपी को सभी सुविधा उपलब्ध कराने का चौकाने वाला वीडियो सामने आते ही एसपी प्रदीप शर्मा ने संज्ञान लिया। वीडियो में दिखाई दे रहे पुलिसकर्मियों की पहचान की गई। जो निगरानी और सुरक्षा में पुलिस लाइन में पदस्थ प्रधान आरक्षक अल्ताफ हुसैन, आरक्षक अरविंद मरमट, आरक्षक सुनील बिठौरे, लखन अहिरवार और सुनील परमार होना सामने आये। एसपी ने तत्काल प्रभाव से पांचों को सस्पेंड कर दिया।
टेबल पर शराब की बोतल, पलंग पर ताश-पत्ती
वीडियो में सामने आया कि जेल वार्ड में आरोपी के लिये शराब की व्यवस्था की गई थी। बोतल टेबल पर रखी थी। सिगरेट के कश लगाये जा रहे थे, यहीं नहीं पलंग पर ताश-पत्ती और रूपये रखे हुए थे। पुलिसकर्मिया के हाथ में शराब से भरे डिस्पोजल ग्लिास थे। वार्ड की खूंटी पर एक पुलिसकर्मी की वर्दी भी लटकी दिखाई दे रही थी। मोबाइल फोन का उपयोग हो रहा था। पूरे मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे थे, जो हत्या के प्रयास के आरोपी को सुविधा उपलब्ध कर रही थी। अजय सिंदल पर कोतवाली पुलिस ने बीएनएस की धारा 304 (2), 127 (1), 115 (2), 351 (2), 296 व 3 (5) में केस दर्ज कर किया था। यहीं नहीं आरोपी के खिलाफ पूर्व में कई मामले दर्ज होना सामने आये। जिसमें राजीनामा कर दोष मुक्त हो गया।
परिवार का आरोप राजीनामे का दबाव
हमले में घायल हुए अनिल सिंदल के परिवार ने आरोप लगाया कि अजय सिंदल द्वारा बीमार नहीं होने के बाद भी अस्पताल में भर्ती होने की नौटंकी की जा रही है। उसके द्वारा राजीनामे का दबाव भी बनाया जा रहा है। परिवार ने अपनी जान का खतरा होना भी बताया है। मामले में अस्पताल के सिविल सर्जन का कहना था कि जेल से उपचार के लिये आने वाले बंदियों का उपचार करना हमारा काम है। वार्ड में भर्ती बंदियों की निगरानी के लिये पुलिसकर्मी मौजूद रहते है। वार्ड में शराब पार्टी होने की बात सामने आने पर वहां लगे सीसीटीवी कैमरों देखा जायेगा।
