खुसूर-फुसूर
नियंत्रण कक्ष में कापी पेस्ट के साथ डिलीट का उपयोग
सोश्यल मिडिया के इस जमाने में कट,कापी पेस्ट,फारवर्ड का उपयोग जमकर चल रहा है। इसकी आदत अमूमन अधिकांश लोगों को लगी हुई है। एक बार सामान्य जीवन में लगी आदत सरकारी काम में भी आ जाती है। ऐसा ही कुछ कट ,कापी-पेस्ट हमारे वर्दी के नियंत्रण कक्ष पर भी अनियंत्रित होकर सामने आ रहा है। ये बात अलग है कि उसे कुछ घंटे बाद जानकारी में आने पर सीधे डिलीट का उपयोग किया जा रहा है संशोधन का नहीं। एक माह पूर्व 6 मई को घटिया की घटना को लेकर जारी प्रेसनोट में पूर्व कप्तान का नाम उपयोग में ले लिया गया था। इसके बाद 15 जून को अनुविभागीय अधिकारियों के निरीक्षण संबंधित प्रेस नोट में प्रदेश में वर्दी ही नहीं हमदर्दी के मुखिया के नाम के स्थान पर पूर्व मुखिया के नाम का उपयोग कर उसे जारी कर दिया गया। कुछ घंटों बाद गलती की जानकारी सामने आने पर उसे भी संशोधन न करते हुए डिलीट का उपयोग किया गया। वर्दी के ग्रुप पर खबरनवीसों की नजर सतत बनी रहती है ऐसे में कुछ खबरनवीसों ने तत्काल ही इसे पकड लिया था। खुसूर-फुसूर है कि कट,कापी-पेस्ट का उपयोग करने के दौरान सावधानी आवश्यक है। उसके बावजूद अगर कभी गडबड हो जाए तो संशोधन होना चाहिए डिलीट किया जाना यानिकी सबूत ही नष्ट किया जाना ही कहा जाएगा।
