उज्जैन। बार-बार बदलते मौसम के असर से सिरदर्द की समस्या अब सामान्य रूप से कई लोगों में सामने आ रही है। दिन में कभी गर्मी के हालात और उमस से परेशान आमजन रात में हल्की ठंड के प्रभाव में आ रहा है। इसके चलते सिरदर्द जैसी समस्या की स्थिति बन रही है। इससे कई लोग ग्रसित हो रहे हैं, महिलाओं में यह ज्यादा देखी जा रही है। ऐसे परिवारों की महिलाओं में जिनके यहां धुम्रपान की स्थिति बनी रहती है। सिरदर्द के वैसे और भी बहुत से कारण हैं लेकिन वर्तमान में बदलते मौसम से यह सर्वाधिक असर कर रहा है।ज्यादातर महिलाओं और युवतियों में यह देखने में आ रहा है।
वर्तमान मौसम के साथ भागदौड़ की जिंदगी में खानपान, और जीवनशैली में बदलाव के कारण अनेक बीमारियां हो रही हैं। इनमें से ही एक सिरदर्द की समस्या बहुत आम हो गई है। अधिकांश महिलाएं बदलते मौसम के कारण इससे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। अधिकांश घरेलू महिलाओं की दिनचर्या भी इस बीमारी को उनमें बढा रही है। गर्मी के इस मौसम में पर्याप्त नींद न हो पाना जैसे कारण भी इसमें सामने आ रहे है। गर्मी के दौर में खुले सिर दिन में तेज गर्मी में निकल जाने पर भी इससे ग्रसित होने जैसी स्थिति बन रही है। दिन में गर्मी लगने पर कुलर, एसी के अलावा पंखे का उपयोग होना और मध्य रात के बाद हल्की ठंड होने पर मात्र पंखे का सहारा। इसका इलाज सिर्फ पेन किलर है। यानिकी दर्द निवारक । क्लिनिकल जांच से ही यह पकड में आ जाती है। इसके लिए कोई जांच का निर्धारण नहीं है।
ये हैं प्रमुख कारण-
सिरदर्द मौसम में बदलाव , जेनेटिक, एन्वायर्नमेंटल फैक्टर, हार्मोनल, धूम्रपान आदि हैं। महिलाओं में हार्मोनल चेंज, पीरियड के साथ, पिल्स के कारण, ड्रिंक्स, वाइन, ज्यादा कॉफी पीने से भी ये संभव है। पुरुषों में यह परफ्यूम, धूम्रपान , नींद बराबर नहीं आना, खाली पेट रहना, रखी हुई खाद्य सामग्री का उपयोग, प्रोसेस्ड फूड , समय पर भोजन नहीं करने से यह हो सकता है। मौसम में बदलाव से सिरदर्द की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में 3 गुना ज्यादा देखी जा रही है, आमतौर पर 35 साल की उम्र से अधिक वाले आमजन में अधिक देखा जा रहा है।
इन बातों से बचें-
चिकित्सकों के अनुसार वर्तमान जीवन शैली के साथ मौसमी बदलाव का असर महिलाओं पर ज्यादा होता है। हर तीसरी महिला सिरदर्द की शिकायत करती देखी जाती है। मौसमी बदलाव एवं वर्तमान मौसम इसमें ज्यादा असर डालता है। सिरदर्द के जो कारण हैं उन्हें नजरअंदाज करना ही इस बीमारी से दूर रहना है। तनाव न लें । मौसमी बदलाव में अपना ध्यान रखें। महिलाएं नजरअंदाजी पर ध्यान दें। करे।
होम्योपैथ में भी है पर्याप्त उपचार-
होम्योपैथ के विशेषज्ञ डा.सिद्धार्थ मारोठिया बताते हैं कि सिरदर्द में होम्योपैथी उपचार को काफी अच्छा माना जाता है। क्योंकि इसमें सिरदर्द होने का समय,सिरदर्द को उत्तेजित करने वाले कारण,इसके साथ ही दर्द की जगह पर ध्यान दिया जाता है। बदलाव के इस मौसम में पूरा शरीर टूटना उसके साथ सिरदर्द बनना जैसी स्थितियां बन रही है। इससे ग्रसित कुछ लोगों को बुखार होने जैसी स्थिति भी लगती है। इससे बचने के लिए दिनचर्या को ऐसा रखें की सूरज की तेज धूप से बचाव करें । प्रोसेस्ड फूड न खाएं, खाली पेट न रहें, उंची आवाज से दूर रहे, लिफ्ट में किसी ने परफ्यूम लगाया हो तो उससे दूर हो जाए या नाक पर कपड़ा रखें, धूप में ज्यादा देर न रहें। कडकती धूप में सन ग्लासेस का उपयोग करें, बाहर के खाने, ज्यादा कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करें। माइग्रेन में खान पान का भी पूरा ध्यान रखें। अल्कोहल से दूर रहें, ज्यादा काफी न पीएं, प्रोसेस्ड फूड के सेवन बचें, ताजा खाना खाएं। गर्मी से थकावट होने पर होम्योपैथी में एंटीमनी क्रुड,जेल्सेमियम,नेट्रम कार्ब 30 पोटेंसी की ली जा सकती है। इसी के साथ गर्मी से सिरदर्द होने पर जेल्सेमियम,ग्लोनोइन,नैट्रम कार्ब 30 पोटेंसी ली जा सकती है।
