एक बार फिर से पहले जैसी हो सकती है  सरकारी दफ्तरों की व्यवस्था

5 दिन की जगह 6    दिन सरकारी कार्यालयों में शासकीय कार्य सम्पन्न होंगे

उज्जैन। सरकारी दफ्तरों की व्यवस्था एक बार फिर से पहले जैसी हो सकती है। यानि कि सप्ताह में 5 दिन की जगह 6    दिन सरकारी कार्यालयों में शासकीय कार्य सम्पन्न होंगे। इसका प्रस्ताव लगभग तैयार हो चुका, जिस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मुहर लगनी है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जा सकता है।
जानकारों की मानें तो सरकार एक बार फिर से सरकारी दफ्तरों का कामकाज में पुराना तरीका अपनाने की तैयारी में है, यानी कि फिर से  अन्य शासकीय कार्यालयों से लेकर    कलेक्ट्रेट तक के कार्यालय अब पांच की जगह 6 दिन खोले जाएंगे। यह सुझाव सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बनाई गई समिति द्वारा दिया गया है।
बताया गया है कि समिति ने देश के 10 से ज्यादा राज्यों के शासकीय कार्यालयों एवं संस्थाओं में दिए जाने वाले अवकाशों का अध्ययन किया है। समिति ने सामान्य एवं ऐचिडक अवकाशों के बारे में भी उन राज्यों की जानकारी जुटाई है। अध्ययन के उपरांत समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस मामले में समिति की अंतिम बैठक जल्द ही प्रस्तावित की गई है। बताया जा रहा है कि जल्द ही समिति की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें सुझाव और प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद ही प्रस्ताव की मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष ले जाया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रस्ताव को लेकर सीएम और मुख्य सचिव अनुराग जैन के बीच मंथन होगा और फिर उस पर अंतिम फैसला होगा। प्रशासनिक सूत्रों की मानें कि यदि सीएम प्रस्ताव पर सहमत होते हैं, तो फिर उसे कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा, जहां की सहमति के बाद उक्त निर्णय को क्रियान्वित किया जाएगा। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा के शीत सत्र के उपरांत ही इस निर्णय को अमलीजामा पहनाया जा सकता है।

यह आदेश अब तक लागू है

उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने कोविड काल जुलाई 2021 में अगले 3 महीनों के लिए सरकारी दफ्तरों को सप्ताह में 5 दिन (सोमवार से शुक्रवार, सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक) चलाने का आदेश जारी किया था। लेकिन यह आदेश अब तक लागू है। तब से अब तक पांच दिन का वर्किंग कल्चर अनवरत जारी है। प्रशासनिक गलियारों की मानें तो इस पर वरिष्ठ अधिकारियों ने सीएम डॉ. मोहन यादव के समक्ष बात रखी कि पांच दिन ही दफ्तर खुलने से सरकारी कामकाज प्रभावित होते हैं, ऐसे में इस दिशा में ठोस निर्णय लिया जाए।

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