उज्जैन में वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन
📍 स्थान: उज्जैन, होटल अंजुश्री
🗓️ तारीख: बुधवार
✨ मुख्य बातें
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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
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हज और उमरा का उदाहरण देते हुए बोले – “हज करने 1.8 करोड़ और उमरा के लिए 1 करोड़ लोग जाते हैं। उज्जैन से तुलना करें तो सोचिए हमारे यहां कितने लोग आते हैं।”
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“सॉफ्ट पावर हमारी ताकत बनेगी। तीर्थाटन और संत परंपरा ने भारत को जोड़ा है।”
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
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“आज का समय भारत का है, दुनिया भारत की तरफ देख रही है।”
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धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं का ऐलान।
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सिंहस्थ-2028 की तैयारी पर खास फोकस।
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आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास
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दुनिया के 10 प्रमुख स्पिरिचुअल टूरिज्म शहरों में अभी मध्यप्रदेश का कोई नाम नहीं।
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“प्रयागराज, अयोध्या, तिरुपति, वाराणसी – हर साल करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। हमारी इच्छा है कि उज्जैन भी जल्द ही इसमें शामिल हो।”
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📊 आध्यात्मिक पर्यटन और अर्थव्यवस्था
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भारत की GDP का 2.5% हिस्सा स्पिरिचुअल टूरिज्म से आता है।
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विशेषज्ञों का लक्ष्य: इसे बढ़ाकर 13% तक ले जाना।
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पिछले कुंभ में 64 करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए।
🛕 सम्मेलन की खास झलकियाँ
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दीप प्रज्ज्वलन कर उद्घाटन – सीएम और केंद्रीय मंत्री।
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वीर दुर्गादास जी की छत्री संरक्षण और विकास कार्यों का भूमिपूजन।
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विशेष सत्र:
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ज्योतिर्लिंग सर्किट – 12 ज्योतिर्लिंगों पर विमर्श।
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मंदिर अर्थव्यवस्था: आस्था और आजीविका का संगम।
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महाकाल का मंडल – उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति और शहरी भविष्य।
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वेलनेस और योग, डिजिटल स्पिरिचुअलिटी 2.0।
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अतिथि महाकालेश्वर और काल भैरव मंदिर के दर्शन करेंगे।
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PHDCCI–KPMG रिपोर्ट ‘आस्था और प्रवाह’ का विमोचन।
👉 इस सम्मेलन का मकसद सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि भारत को एक वैश्विक आध्यात्मिक हब बनाना है।
