ओंकारेश्वर को लगाए 56 भोग
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
श्रावण के दूसरे सोमवार पर सुबह से ही मध्यप्रदेश के शिवालयों में भक्त पहुंच रहे हैं। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में स्वस्तिवाचन कर पट खोले गए। कर्पूर आरती के बाद नंदी का स्नान, ध्यान, पूजन किया गया।
भगवान महाकाल का जल अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया। रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट, आभूषण, भांग, चंदन और ड्रायफ्रूट से श्रृंगार कर भस्म अर्पित की गई। शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाला और रुद्राक्ष के साथ-साथ सुगंधित फूलों की माला भगवान महाकाल ने धारण की। फल और मिष्ठान का भोग अर्पित किया गया।
