उज्जैन में गुरु ग्रंथ साहिब का 421वां प्रकाश पर्व: कीर्तन, गुरुवाणी और लंगर का आयोजन
उज्जैन | 25 अगस्त
उज्जैन के फ्रीगंज स्थित गुरुद्वारा सुखसागर में रविवार को गुरु ग्रंथ साहिब का 421वां प्रकाश पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पूरे गुरुद्वारे को फूलों से सजाया गया।
अमृतसर से आए ज्ञानी ने किया कीर्तन
कार्यक्रम में अमृतसर से आए ज्ञानी अमनदीप सिंह ने कीर्तन और शब्द गायन किया। पूरे वातावरण में गुरुवाणी की मधुर ध्वनि गूंज उठी।
गुरु परंपरा और संदेश
गुरुद्वारा अध्यक्ष चरणजीत सिंह कालरा ने बताया कि इसी दिन गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाश हुआ था। सिख पंथ के दस गुरुओं की परंपरा में अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने गुरु ग्रंथ साहिब को ही सिख समाज का शाश्वत गुरु घोषित किया था। ग्रंथ में सभी गुरुओं की वाणी के साथ अन्य संतों और भक्तों की वाणी भी दर्ज है, जो शांति और मानवता का संदेश देती है।
लंगर और सामाजिक एकता
प्रकाश पर्व में बड़ी संख्या में सिख समाज के श्रद्धालु—पुरुष, महिलाएं और बच्चे—शामिल हुए। इस अवसर पर सभी समुदायों के लिए लंगर का आयोजन भी किया गया।
