दैनिक अवंतिका उज्जैन।
गुजरात की तर्ज पर उज्जैन में महाकाल संस्कृति वन बनाया जा रहा है। इसे 12 हेक्टेयर एरिया में कोठी रोड पर तैयार किया गया है। जिसमें 30 हजार पौधे लगाए गए हैं।
यहां आने वाले लोगों को पर्यावरण के साथ अध्यात्म से जोड़ने के लिए योग केंद्र और अवंतिका नगरी का इतिहास बताने के लिए राजा विक्रमादित्य की सिंहासन बत्तीसी भी आकार ले रही है। इतना ही नहीं महाकाल संस्कृति वन में मंदिर भी होंगे।
13 करोड़ रुपए की लागत से यह बनकर तैयार होगा
13 करोड़ रुपए की लागत से इसका निर्माण इसी साल के अंत तक पूरा होगा व आम लोगों के लिए इसे खोल भी दिया जाएगा। उज्जैन आने वाले तीर्थ यात्री अब जल्द महाकाल संस्कृति वन घूमने भी जा सकेंगे।
भोपाल व रीवा में भी उज्जैन जैसे वन तैयार किए जा रहे
प्रदेश में उज्जैन के साथ भोपाल और रीवा में भी इस प्रकार के संस्कृति वन बनाए जा रहे हैं। उज्जैन आने वाले लोग संस्कृति से लेकर गौरव गाथा और इतिहास से लेकर धार्मिक महत्व के विषयों तक सब कुछ एक ही जगह पर देख और समझ पाएंगे।
