उज्जैन: पुरानी रंजिश में युवक के साथ बेरहमी से मारपीट, पीड़ित ने पुलिस पर पक्षपात का लगाया आरोप
उज्जैन। जिले के भाटपचलाना थाना क्षेत्र में एक बार फिर पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। दिलीप नामक युवक के साथ हुई निर्मम मारपीट की घटना ने न केवल कानून व्यवस्था बल्कि थाने की निष्पक्षता पर भी गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए हैं।
🔴 घटना का विवरण:
पीड़ित दिलीप ने बताया कि घटना उस समय हुई जब वह मंदिर से लौटने के बाद अपनी मौसी के घर कुछ देर के लिए रुका था। तभी कपिल नागर, मोहन नागर सहित करीब 10 से 12 लोगों ने उस पर अचानक हमला कर दिया।
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पहले उसे गालियां दी गईं, फिर दुकान से हथियार लाकर जानलेवा हमला किया गया।
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हमले के दौरान दिलीप बेहोश हो गया, इसके बाद भी लाठियों और धारदार हथियारों से वार जारी रहा।
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दिलीप का कहना है कि पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद थी, लेकिन आरोपियों ने फुटेज को डिलीट करवा दिया।
🏥 चिकित्सकीय स्थिति:
दिलीप फिलहाल उज्जैन के चार अगस्त अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका इलाज चल रहा है। उसे कई जगहों पर गंभीर चोटें आई हैं।
👮♂️ पुलिस पर पक्षपात का आरोप:
पीड़ित के अनुसार, जब वह थाने में शिकायत दर्ज कराने गया, तो पुलिस ने उसकी बात सुनने के बजाय उल्टा आरोपियों के पक्ष में एफआईआर दर्ज कर ली।
“मुझे इंसाफ नहीं मिला, बल्कि मेरी शिकायत को नजरअंदाज कर दिया गया। पुलिस आरोपियों के साथ खड़ी दिखाई दी,” – पीड़ित दिलीप।
📹 सीसीटीवी फुटेज विवाद:
दिलीप का दावा है कि मारपीट की पूरी घटना पास के एक सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुई थी, लेकिन आरोपी पक्ष ने तकनीकी हस्तक्षेप कर वीडियो डिलीट करवा दिया।
📢 मांग: निष्पक्ष जांच व सख्त कार्रवाई
दिलीप और उसके परिजनों ने मीडिया और प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच कर:
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हमलावरों पर गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया जाए
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पुलिस की भूमिका की जांच की जाए
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सीसीटीवी फुटेज की रिकवरी और फॉरेंसिक जांच करवाई जाए
📌 निष्कर्ष:
यह मामला केवल व्यक्तिगत रंजिश का नहीं, बल्कि कानून की निष्पक्षता और आमजन के पुलिस पर भरोसे से भी जुड़ा हुआ है। अब देखने वाली बात होगी कि उज्जैन पुलिस इस पर क्या कार्रवाई करती है और पीड़ित को कब तक इंसाफ मिल पाता है।
