इजराइल ने गाजा का नया नक्शा बनाया, 50% जमीन कब्जाई: बोले- ट्रम्प ने सीजफायर में जो यलो लाइन बनाया, वही नया बॉर्डर, उससे पीछे नहीं हटेंगे-सेना प्रमुख

गाजा।अमेरिका ने गाजा को रेड और यलो जोन में बांटा है। रेड जोन में फिलिस्तीनी नागरिक रह रहे हैं।इजराइल ने गाजा की 50% से ज्यादा जमीन पर कब्जा करके उसे अपना इलाका घोषित कर दिया है। इजराइली सेना प्रमुख ऐयाल जमीर ने गाजा सीजफायर प्लान में जिस ‘येलो लाइन’ का जिक्र है, उसे नई बॉर्डर बताया है।उन्होंने सोमवार को गाजा में तैनात सैनिकों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह लाइन अब इजराइल की ‘सुरक्षा सीमा’ की तरह काम करेगी और सेना इससे पीछे नहीं हटेगी।जमीर ने कहा कि इजराइल अपनी मौजूदा सैन्य पोजिशन नहीं छोड़ेगा। इन पोजिशन्स की वजह से इजराइल गाजा के आधे से ज्यादा हिस्से को कंट्रोल कर रहा है। इसमें गाजा की ज्यादातर खेती की जाने वाली जमीन है। इसके अलावा इसी हिस्से में मिस्र से लगने वाला बॉर्डर क्रॉसिंग (राफा) भी शामिल है।इजराइली सरकार ने आर्मी चीफ जमीर के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की। एक अधिकारी ने इतना कहा कि इजराइली सेना ‘सीजफायर की शर्तों के अनुसार’ तैनात है और आरोप लगाया कि हमास ही सीजफायर तोड़ रहा है।

गाजा को दो हिस्से में बांटेगा अमेरिका–ट्रम्प के सीजफायर प्लान के तहत अमेरिका गाजा पट्टी को दो हिस्सों में बांटेगा। इसके लिए एक लॉन्ग टर्म प्लान बनाया गया है। एक हिस्से पर इंटरनेशनल फोर्स (ISF) और इजराइली सेना का कंट्रोल रहेगा। इसे ग्रीन जोन कहा जाएगा।

फिलिस्तीनी आबादी वाले दूसरे हिस्से को फिलहाल खंडहर अवस्था में ही रहने दिया जाएगा। इसे रेड जोन नाम दिया गया है। लगभग सभी फिलिस्तीनी रेड जोन में विस्थापित हो गए हैं। इन दोनों इलाकों के बीच एक ‘यलो लाइन’ खींची गई है।हिंसा और हमले की वजह से ज्यादातर फिलिस्तीनी ये इलाके पहले ही खाली कर चुके हैं। अब लगभग 20 लाख से ज्यादा लोग गाजा के पश्चिमी हिस्से की एक छोटी-सी पट्टी में रहने को मजबूर हैं।

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