📰 इंदौर नगर निगम में फर्जी वसूली नोटिस का खुलासा, जांच के आदेश
इंदौर। नगर निगम में एक नया फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें अपर आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से 7.5 लाख रुपए की वसूली का नोटिस भेजा गया। यह नोटिस निगम कार्यालय के लेटरहेड पर तैयार किया गया था, जिसमें विभाग का नाम और वैध हस्ताक्षर नहीं थे। मामला संदेहास्पद प्रतीत होने पर नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने जांच के आदेश दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह फर्जी नोटिस अशोक कुमार बत्रा, वरुण बत्रा और मयंक बत्रा के नाम से जारी किया गया था। संबंधित पक्ष इस नोटिस को लेकर आयुक्त कार्यालय पहुंचे, जहां प्रारंभिक जांच में अधिकारियों ने इसे पूरी तरह फर्जी करार दिया।
जांच में क्या सामने आया?
जांच का जिम्मा प्रभारी अपर आयुक्त लता अग्रवाल को सौंपा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नोटिस न तो किसी वैध विभाग से जारी हुआ और न ही उस पर नगर निगम के किसी वर्तमान अपर आयुक्त के हस्ताक्षर हैं। प्रारंभिक स्तर पर निगम के एक आउटसोर्स कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
प्रशासन सख्त, होगी आपराधिक कार्रवाई
नगर निगम प्रशासन ने इस फर्जीवाड़े को गंभीरता से लेते हुए आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी है। आयुक्त शिवम वर्मा का कहना है कि जांच पूरी होते ही दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
📌 इस मामले से क्या सीख मिलती है?
नगर निगम जैसे संस्थानों में दस्तावेज़ों की सत्यता और हस्ताक्षर की पुष्टि आवश्यक है। फर्जी नोटिस या दस्तावेज़ केवल आर्थिक नुकसान नहीं, बल्कि प्रशासनिक छवि को भी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में पारदर्शिता और सतर्कता ही एकमात्र उपाय है।
