इंदौर-उज्जैन प्रस्तावित नए ग्रीनफील्ड रोड के विरोध में किसानों ने प्रशासन के प्रस्ताव को ठुकराया

रोड नीचा मुआवजा ऊंचा तो ही रोड बनेगा

एमपीआरडीसी गो बैक के काले झंडे के साथ 17 को वाहन रैली

ब्रह्मास्त्र उज्जैन

प्रस्तावित इंदौर-उज्जैन ग्रीनफिल्ड रोड पर संकट के बादल गहरा गए हैं। किसानों ने प्रशासन के प्रस्ताव को ठुकराकर संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। किसानों की बैठक में साफ तौर पर कहा गया है कि रोड़ नीचा और मुआवजा ऊंचा हुआ तो ही यह रोड अस्तित्व में आ पाएगी। किसानों ने आंदोलन की रणनीति तैयार कर ली है। 17 दिसंबर को इसके लिए वाहन रैली का आयोजन करते हुए एमपीआरडीसी गो बैक के काले झंडे दिखाने की तैयारी है।

किसान संघर्ष समिति के सदस्यों द्वारा ग्राम चांदमुख में बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रशासन द्वारा मुआवजे को लेकर दिए गए प्रस्ताव की सामूहिक चर्चा हुई और सभी सदस्यों ने एक मत से प्रशासनिक प्रस्ताव जिसमें 12 लाख से 22 लाख रु बीघा मुआवजे को अस्वीकार किया तथा समिति के द्वारा प्रशासन को दिए गए अपने दोनों प्रस्ताव रोड़ नीचा मुआवजा ऊंचा को मानने के उपरांत ही रोड बनाने देने का निर्णय लिया। किसानों ने साफ कहा कि अगर किसानों को बाजार भाव का चार गुना मुआवजा और रोड़ की हाइट कम नहीं की तो एमपीआरडीसी अपने बोरे बिस्तर बांध लें।

क्षेत्र से रैली एमपीआरडीसी
कार्यालय तक
समिति सदस्य मिथुन पटेल ने एक वाहन रैली आयोजित करने का सुझाव रखा एवं अर्जुन चौधरी व मनोज आँजना ने रैली को एमपीआरडीसी के कार्यालय तक ले जाने एवं वहाँ पर एक ज्ञापन के माध्यम से समिति की प्रमुख मांगों को अधिकारियों को अवगत करवाने की बात कही। इसे लेकर 17 दिसंबर को रैली निकालना नियत किया गया है।

प्रभावित सात गांव घुमेगी रैली
इस रैली में किसान काले झंडे जिन पर एम पी आर डी सी गो बैक लिखा होगा लेकर निकलेंगे। यह रैली गांव लिंबा पिपलिया से शुरू होकर गोंदिया, हासामपुरा, पालखेड़ी, चांदमुख, दाऊद खेड़ी, चिंतामन जवासिया होकर एम पी आर डी सी कार्यालय पर अधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा।

अधिकारी बोले वचन पर कायम नहीं
किसान संघर्ष समिति के राजेश सिंह सोलंकी ने बताया कि एम पी आर डी सी के अधिकारियों ने प्रभावित गांवों की पंचायत में धारा 4 की ग्राम सभा कार्यवाही में इस सड़क के बनने से किसानों को विकास के बड़े बड़े सपने दिखाए गए थे, किसान बची हुई जमीन में व्यापार व्यवसाय कर सकेंगे, क्षेत्र में किसानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे लेकिन अपने वचन से काम अधिकारी उल्टा कर रहे हैं। एमपीआरडीसी के अधिकारी गगन भाभर समाचार पत्रों में रोड़ को वी आई पी आवागमन का मार्ग बता रहे हैं। रोड़ इतनी ऊंचाई पर बनाया जा रहा है कि बड़ा ट्रैफिक ऊपर से निकल जाएगा। हमारा मन समझाने के लिए सर्विस रोड का झुनझुना पकड़ा दिया। किसानों की तीन फसलीय 1400 बीघा जमीन वीआईपी मार्ग बनाने पर सरकार आमादा है हम इसका विरोध करते हैं।

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