ब्रह्मास्त्र उज्जैन
उज्जैन जैसा धार्मिक शहर भी आॅनलाइन फ्रॉड जैसे मामलों में अछूता नहीं है जबकि भोपाल सूत्रों से जो जानकारी प्राप्त हुई है उसमें हमारा मध्यप्रदेश देश में आॅनलाइन फ्रॉड के मामलों में आठवे नंबर पर है। हालांकि साइबर सेल और पुलिस प्रशासन फ्रॉड के मामलों पर अंकुश लगाने का पूरा प्रयास कर रहे है लेकिन बावजूद इसके जिस तरह से सफलता मिलना चाहिए नहीं मिल रही है। वैसे अब लोगों को भी जागरूक रहने की जरूरत है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट (एनसीटीएयू) की स्टेट-वाइज रिपोर्ट 2025 के तहत 28 फरवरी 2025 तक एमपी में साइबर फ्रॉड के 1 लाख 5 हजार 991 केस दर्ज किए गए थे। एमपी देश में आॅनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में आठवें नंबर पर है।
टेलीकॉम कंपनियों से भी पूछताछ
साइबर सेल आॅपरेशन फास्ट (फोर्ड एक्टिवेटेड सिम टर्मिनेशन) के तहत फर्जी सिम कार्ड गिरोह का भंडाफोड़ किए जाने के बाद टेलीकॉम कंपनियों से भी पूछताछ करेगी। साइबर सेल को संदेह है कि बगैर टेलिकॉम कंपनियों (टीएसपी) की मदद के हजारों सिमों की बिक्री और फर्जी दस्तावेजों पर एक्टिवेशन संभव नहीं है। ऐसे में फजीर्वाड़ा कर इन सिमों को चालू कराने की जानकारी लेने के लिए टीएसपी से जुड़े अफसरों को तलब किया जाएगा। इसके साथ ही अब साइबर सेल फर्जी नंबरों को खोजने के लिए गृह मंत्रालय के आईफोरसी (इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर) पर ही निर्भर नहीं रहेगी। अब सेल सीधे डिपार्टमेंट आॅफ टेलिकॉम (डीओटी) की हेल्पलाइन 1930 पर आने वालीं शिकायतों पर संज्ञान लेगी।
उज्जैन में भी बीते दिनों
ही पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की
ल्ल मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी बीते दिनों ही आॅपरेशन फास्ट के तहत पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। महाकाल थाना पुलिस ने एक ऐसे युवक को पकड़ा है जो लोगों को झांसा देकर फर्जी तरीके से सिम कार्ड जारी करता था। आरोपित अब तक 25 से अधिक फर्जी सिम कार्ड जारी कर चुका है, जिनका उपयोग सायबर ठगी और अपराधियों ने ओटीपी फ्रॉड जैसे मामलों में किया गया।
ल्ल इस संबंध में थाना महाकाल पुलिस ने बताया कि आरोपित इमरान पिता सलीम नागौरी 25 साल निवासी आगरा नाका वर्ष 2023 में माधवनगर क्षेत्र स्थित सीवी टेलीकॉम में एजेंट के रूप में काम करता था। इस दौरान उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई सिम कार्ड जारी किए। बाद में इमरान ने खुद का पीओएस बनवाकर महाकाल थाना क्षेत्र में आरएल इमरान नाम से दुकान खोल ली और वहीं से फर्जी सिम बेचने लगा।
ल्ल जांच में सामने आया कि इमरान ग्राहकों को सिम पोर्ट कराने या नया नंबर देने का झांसा देता था। वह आधार कार्ड, फोटो और अन्य दस्तावेज अपने पास ले लेता और ओटीपी के बहाने उनकी जानकारी का दुरुपयोग करता। इसी तरह उसने कई डुप्लीकेट सिम कार्ड जारी किए और आगे अपराधियों तक पहुंचाए। पुलिस ने कार्रवाई के दौरान आरोपी के पास से लैपु सिम, बायोमेट्रिक मशीन, दस्तावेज और फर्जी सिम कार्ड जब्त किए हैं।
