आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 26 जून गुरुवार से शुरू हो जाएगी। नवरात्रि में रवि योग सहित सर्वार्थसिद्धि योग जैसे खास शुभ संयोग भी बनेंगे। 9 दिनों तक श्रद्धालु देवी की आराधना में लीन होंगे। उज्जैन में शक्तिपीठ हरसिद्धि सहित कई प्राचीन देवी मंदिर है जहां गुप्त नवरात्रि में गुप्त अनुष्ठान किए जाएंगे।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि वर्ष में चार नवरात्र होते हैं। चैत्र और अश्विन मास में प्रकट नवरात्र तथा आषाढ़ और माघ मास में गुप्त नवरात्र मनाए जाते हैं। इस बार आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि 26 जून से आरंभ होगी। इसमें प्रतिपदा से नवमी तक किसी भी तिथि का क्षय नहीं है। इसलिए नवरात्रि पूरे नौ दिन रहेगी। नवरात्रि के दौरान पांच रवि योग और तीन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग 26 जून सुबह 8:48 से 27 जून प्रात: 7:22 तक रहेगा। रवि योग 28 जून सुबह 6:30 से 29 जून सुबह 7 बजे तक और 30 जून प्रात: 7:30 से 1 जुलाई सुबह 9 बजे तक रहेगा।
कई ग्रह-नक्षत्र
परिवर्तन भी होंगे
नवरात्रि के दौरान कई महत्वपूर्ण ग्रह व नक्षत्र परिवर्तन भी होंगे। 28 जून को गुरु ग्रह आद्र्रा नक्षत्र के दूसरे चरण में प्रवेश करेगा। 29 जून को शुक्र ग्रह दोपहर 2 बजे वृषभ राशि में और 30 जून को मंगल ग्रह पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसका भी असर हमें देखने को मिलेगा।
गुप्त नवरात्रि में साधना
से मिलता है विशेष फल
शास्त्रों के अनुसार, इन विशेष योगों में की गई साधना विशेष फल प्रदान करती है। यह समय नए कार्य का आरंभ, नए निर्णय, स्टार्टअप की शुरुआत और यात्रा के लिए शुभ माना गया है। गृहस्थ और सन्यासी साधक अपनी साधना के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 26 जून से शुरू होगी, सर्वार्थ सिद्धि योग भी आएगा – 9 दिन देवी की आराधना, उज्जैन में शक्तिपीठ सहित कई प्राचीन मंदिर
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
