उज्जैन। रविवार से न्यायप्रिय देव शनि वक्री होंगे और उनके इस चाल का चौतरफा प्रभाव रहेगा। 28 नवंबर तक उनकी वक्री अवस्था से सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में परिवर्तनकारी स्थिति सामने आएगी। इस दौरान उथल पूथल की स्थिति भी बनेगी। महत्वपूर्ण बदलाव के हाल भी रहेंगे । ज्योतिष जानकारों के मुताबिक जब भी कोई ग्रह वक्री या मार्गी होते हैं, तो उसके अलग-अलग प्रकार के प्रभाव अलग-अलग क्षेत्रों में दिखाई देते हैं। चाहे वह तकनीकी परिवर्तन हो, राजनीतिक परिवर्तन हो या सामाजिक परिवर्तन हो।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार शनि का वक्री होना न्याय, अनुशासन और व्यवस्था से जुड़े मामलों में देरी, असंतुलन या – पुनर्विचार की स्थिति ला सकता है। साथ ही यह समय पुरानी नीतियों की पुनरावलोकन, नेतृत्व परिवर्तन या आर्थिक नीति परिवर्तनों के लिए उपयुक्त माना जा सकता है।
व्यक्तिगत रूप से भी यह अवधि आत्मनिरीक्षण, कर्म सुधार और धैर्य की परीक्षा का समय मानी जाती है। ज्योतिषाचार्य सलाह देते हैं कि इस दौरान किसी भी बड़े निर्णय से पहले सोच-समझकर कदम उठाएं और धैर्य एवं संयम बनाए रखें।
138 दिन रहेगा वक्री प्रभाव-
नवग्रह में सबसे प्रभावी ग्रह शनि 13 जुलाई को वक्री होने जा रहे – हैं, जो 28 नवंबर तक रहेंगे।
शनि का वक्री होना कई क्षेत्रों में गंभीर प्रभाव डाल महत्वपूर्ण सकता है। यह समयकाल समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलावों का संकेत देता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार
वर्तमान में शनि मीन राशि में चल रहे हैं और मीन में ही वक्र काल रहेगा। शनि के वक्री होने से अलग-अलग प्रकार से सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक परिवर्तन दिखाई देंगे। प्राकृतिक दृष्टिकोण से भी कहीं भूस्खलन व हिमस्खलन की स्थिति दिखाई देगी, धर्म आध्यात्म से जुड़े लोगों के लिए कुछ स्थानों पर परीक्षा की घड़ी रहेगी। शनि के उपाय से राहत तथा अनुकूलता अनुभव होगी।
ये बनेगी वक्री होने से स्थिति-
जब भी कोई ग्रह वक्री या मार्गी होते हैं, तो उसके अलग-अलग प्रकार के प्रभाव अलग-अलग क्षेत्रों में दिखाई देते हैं। चाहे वह तकनीकी परिवर्तन हो, राजनीतिक परिवर्तन हो या सामाजिक परिवर्तन हो। किसी भी प्रकार की घटना-दुर्घटना में ग्रहों का गति चक्र विशेष कार्य करता है, शनि का मीन राशि में वक्री होना एक प्रकार से धार्मिक दृष्टिकोण को परिवर्तन देगा, वहीं धर्म से जुड़े लोगों के लिए भी परीक्षा का समय रहेगा। कुछ स्थानों पर युक्ति निकाल करके सफलता भी अर्जित की जा सकेगी। हालांकि देश दुनिया की दृष्टि से देखें तो पहले से युद्ध उन्मादी राष्ट्रों के मध्य चली आ रही अस्थिरता को लेकर के सीज फायर उल्लंघन की आशंका भी है। इस प्रकार की अलग-अलग घटनाएं शनि के वक्र काल से दृष्ट होगी। वहीं स्वास्थ्य के प्रति आमजन को विशेष सावधानियां की आवश्यकता भी दिखाई दे रही है। संक्रमण से जुड़े व्याधि के क्षेत्र से बचने की आवश्यकता रहेगी।
-मिडिल ईस्ट और नॉर्थ ईस्ट से जुड़े राष्ट्रों में अशांति होगी
-प्राकृतिक प्रकोप भी दिखाई देगा
-बाजार में उठा-पटक का दौर
