गरबा का होगा आयोजन….देवी मंदिरों में लगेगा आस्थावानों का तांता
उज्जैन। आज सर्वपितृ अमावस्या के साथ ही पितृ पक्ष का समापन हो जाएगा तो वहीं कल 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी। इस अवसर पर शहर के विभिन्न स्थानों पर गरबों का आयोजन होगा वहीं हरसिद्धि, गढ़कालिका, चौबीसखंबा सहित अन्य प्रमुख देवी मंदिरों में आस्थावानों का तांता लगेगा।
आज सर्वपितृ अमावस्या पर रामघाट और सिद्धवट के साथ ही गयाकोठा पर पितरों की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करने वाले लोगों की भीड़ है। हिंदू पंचांग में महालया अमावस्या का दिन अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। यह दिन पितृ पक्ष के समापन और शारदीय नवरात्रि के आरंभ का प्रतीक है। मान्यता है कि इस तिथि को जहां एक ओर पितरों को तर्पण और पिंडदान देकर विदा किया जाता है, वहीं दूसरी ओर मां दुर्गा धरती पर अपने भक्तों के कल्याण के लिए आगमन करती हैं। महालया अमावस्या में पितरों को विदा करने का अंतिम दिन होता है। इस दिन खास समय पर तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर को तड़के 1 बजकर 24 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 23 सितंबर को देर रात 2 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर को शुरू होगी। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार 22 सितंबर को कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 08 मिनट से आरंभ होकर सुबह 08 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा 22 सितंबर को अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा इसमें भी कलश स्थापना की जा सकती है।
