जब तक सरकार लैंड पुलिंग पर अपनी राय स्पष्ट नहीं करेगी मातृशक्ति सिंहस्थ के नाम पर होने वाले किसी भी विकास कार्य को नहीं होने देगी
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
जबलपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक से सीधे रविवार की सुबह उज्जैन पहुंचे भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने सिंहस्थ में लैंड पुलिंग से प्रभावित किसान परिवारों के दीपावली मिलन समारोह में बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उज्जैन सिंहस्थ में लैंड पुलिंग पर अपनी राय स्पष्ट नहीं करेगी भारतीय किसान संघ की मातृशक्ति सिंहस्थ के नाम पर होने वाले किसी भी विकास कार्य को नहीं होने देगी।
वह विकास कार्य चाहे सिंहस्थ के नाम पर निजी भूमि में हो रहा हो या फिर शासकीय भूमि में। इससे साफ है कि भारतीय किसान संघ ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ अपना बिगुल फूंक दिया है। कुलकर्णी ने किसानों से कहा कि हमारी एकरूपता व एकता की ताकत से हम अपेक्षा के अनुरूप परिणाम लेकर आएंगे और इसमें सभी समाज का समर्थन हमे मिलेगा। हम किसी भी दबाव के सामने झुकने वाले नहीं हैं।
उन्होंने दोहराया कि सिंहस्थ आयोजन में या फिर उसकी तैयारी में यदि कोई वादा उत्पन्न होगी तो यह सरकार व प्रशासन की जिम्मेदारी होगी किसानों की नहीं। कुलकर्णी ने कहा कि सरकार कान खोलकर सुन ले और शीघ्र निर्णय ले। साथ ही उज्जैन किसान संघर्ष समिति ने जो मांगे रखी है सरकार उन मांगो को पूरा करते हुए सिंहस्थ आयोजन की तैयारी पूर्ण करें। हम सभी एक जुटता के साथ संघर्ष के लिए मजबूती से तैयार रहें।
इस अवसर पर किसान संघ के क्षेत्र संगठन मंत्री महेश चौधरी ने भी अपने संबोधन में किसी भी सीमा तक जाकर अपने अधिकारो के लिए लड़ने की बात कही। सभी अपने घर, अपनी जमीन व अपने खेतों में रहकर कार्य करें और अपने परिवार का भरण पोषण सुखी पूर्वक करें यही हमारी कामना है।
मुल्लापुरा गायत्री मंदिर के प्रांगण में आयोजित मिलन समारोह में सिंहस्थ क्षेत्र के 17 गांवों के किसान इस समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान किसानों ने राष्ट्रीय संगठन मंत्री को एक ज्ञापन भी दिया। आयोजन में किसान महिलाएं एवं बच्चे भी किसानों के साथ पहुंचे थे। इस दौरान मंच पर क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी, प्रांत महामंत्री रमेश दांगी, प्रांत मंत्री भारत सिंह बैस, प्रांत संगठन मंत्री अतुल महेश्वरी मौजूद थे।
दिनेश कुलकर्णी के भाषण के मुख्य बिंदु
ल्ल कुलकर्णी ने कहा आज दीपावली मिलन समारोह में माता, बहने और किसान मन में चिंता लेकर आए हैं आने वाले होली मिलन तक यह चिंता पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
ल्ल सिंहस्थ क्षेत्र में रहने वाले किसान भाइयों के खिलाफ सरकार के अन्याय पूर्ण कदम को लेकर किसान डेट हुए हैं। सरकार की हिम्मत नहीं हो रही कि वह सामने आकर बात करें।
ल्ल यदि लैंड पुलिंग करके सिहस्थ मनाया जाता है तो शिप्रा किनारे होने वाला यह सिंहस्थ आने वाले वर्षों में खत्म हो जाएगा। यह किसानों को मान्य नहीं है। पक्का निर्माण योजना किसी भी हाल में मंजूर नहीं है।
ल्ल 16 सितंबर को हजारों ट्रैक्टर के साथ किसानों ने सरकार तक बात पहुंचाई थी। उम्मीद थी कि सरकार आगे आकर बात करेगी और अपना रुख स्पष्ट करेगी परंतु अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। सरकार प्रशासन के माध्यम से जो संदेश दे रही है उससे यह स्पष्ट है कि उनके मन में कुछ और चल रहा है। लैंड पूलिंग नहीं करनी है तो नोटिस क्यों निकल रहे हो। कदम दर कदम क्यों बढ़ाए जा रहे हैं। हमें लैंड पूलिंग भूमि अधिग्रहण मान्य नहीं है। किसी भी प्रकार का स्थाई निर्माण मान्य नहीं है। सिंहस्थ पुरानी पद्धति पर ही मनाया जाए। हमें सरकार की मनसा पर सवाल है। हमें सड़क निर्माण भी मंजूर नहीं है। यह गलत है इस पर भी हमारी आपत्ति है। बगैर अधिग्रहण के ही सिंहस्थ करें।
ल्ल सरकार के रुख से तो यह लग रहा है कि हमें एक बार फिर शक्ति का प्रदर्शन करना ही पड़ेगा। तैयार रहना पड़ेगा। पूरा प्रदेश एकजुट है । सरकार अपना हित साधने के लिए हथकंडे अपना रही है। सरकार आगे बढ़ रही है। कोई पर्दे के पीछे बात तो नहीं है। सरकार कुछ ना कुछ हथकंडे अपना रही है। सरकार किसानों को तोड़ने का काम कर रही है, सभी सजग रहे, सतर्क रहिए। महाकाल हमारे साथ है। एकजुट रहेंगे तो यह संकट जल्द खत्म होगा।
ल्ल सिंहस्थ के नाम पर कोई भी विकास कार्य करें तो तत्काल रोक दे। सतर्क रहना होगा, सावधान रहना होगा। जब तक सरकार स्पष्ट नहीं करती कोई काम नहीं होने देंगे। यह निकम्मी सरकार है।
ल्ल यदि इसी सिंहस्थ में कोई कमी रह जाती है तो पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। आज यह मंच से आह्वान किया जा रहा है कि सरकार जल्द से जल्द अपनी भूमिका स्पष्ट करें। अन्यथा सिंहस्थ आयोजन में गड़बड़ी हुई तो सरकार जिम्मेदार होगी। सरकार सुन ले समझ ले जल्द निर्णय ले। सिंहस्थ संघर्ष समिति की मांगे माने।
