भारतीय किसान संघ की मातृ शक्ति उतरी मैदान में,सम्मेलन हुआ लैंड पुलिंग ,जमीन अधिगृहण का विरोध जताया -सरकार को सद्बुद्धि देने यज्ञ किया, बाबा महाकाल को सौंपा ज्ञापन

उज्जैन । सरकार की निती को लेकर भारतीय किसान संघ की नारी शक्ति मैदान में उतर गई हैं। “लैंड पुलिंग कानून वापिस लो” का उदघोष बुधवार को उज्जैन के शिप्रा तट रामघाट में जमकर सुनाई दिया। तड़के सुबह ही भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसान मातृशक्ति ने मां शिप्रा में दीपदान व पूजन कर लैंड पुलिंग व किसानों की जमीन छीने जाने के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। यहां सरकार की सद्बुबुद्धि के लिए यज्ञ किया गया।

 रामघाट पर सैकड़ो की संख्या में पहुंची मालवा प्रांत के 18 जिलों की मातृशक्ति ने कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करने के बाद मां शिप्रा से अपने संकल्प पूर्ति के लिए शक्ति व सामर्थ्य देने का आशीर्वाद मांगा और प्रण लिया की हम अपनी जमीन सरकार को नहीं छीनने देंगे और पुरजोर विरोध करेंगे। साथ ही उज्जैन कमिश्नर आशीष सिंह के व्यवहार पर मातृशक्ति व किसान संघ के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई और जमकर लताड़ लगाई।  इसके उपरांत मातृ शक्ति सम्मेलन स्थल मारू धर्मशाला में पहुंची थी । यहां पर विभिन्न सत्रों का आयोजन सम्मेलन में किया गया।

किसान की जमीन हडपने का किसी को अधिकार नहीं-मंजू दीक्षित

इस अवसर पर किसान संघ की अखिल भारतीय महिला संयोजिका मंजू दीक्षित ने कहा कि किसान वर्षों से सिंहस्थ मेले के लिए अपनी जमीन देते आ रहे हैं लेकिन पक्के व स्थाई निर्माण  एवं लैंड पुलिंग के माध्यम से किसानी की जमीन हड़पने का अधिकार किसी भी सरकार को नहीं है। भारतीय किसान संघ व किसान मातृशक्ति इसका कड़ा विरोध करती है। श्रीमति दीक्षित ने आगे कहा कि सिंहस्थ बरसों से लगता रहा है और आगे भी लगता रहेगा, किसान 1 वर्ष के लिए अपनी जमीन मेला क्षेत्र को देने के लिए खुशी  से तैयार है लेकिन सरकार यदि किसानों की जमीन वापिस न करने की मंशा रखती है तो हम इसके लिए तैयार नहीं है और इस नीति का पुरजोर विरोध किया जाएगा। किसान अपने खेतों में कांक्रीट के जंगल कतई खड़े नहीं होने देगा। जिस सीमा तक लड़ाई लड़नी होगी किसान समाज व मातृशक्ति इसके लिए तैयार है।

सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ-

18 जिलों से आई किसान मातृशक्ति में लैंड पुलिंग कानून को लेकर जमकर आक्रोश देखा गया। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए व उनके परिवार के लिए जमीन ही उसके भरण पोषण का साधन है। यदि वो छीन लिया गया तो हम बेघर हो जाएंगे। अन्नदाता को बेघर करने से बड़ा कोई पाप नहीं है। इसलिए मातृशक्ति ने रामघाट पर सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ भी किया और भगवान से सरकार को सद्बुद्धि देने की कामना की।

भगवान श्री महाकाल को सौंपा ज्ञापन-

एक निजी धर्मशाला में किसान मातृशक्ति के साथ बैठक का आयोजन कर भारतीय किसान संघ के प्रमुख पदाधिकारियों ने आगे की रूपरेखा बनाई। इसके बाद में रैली के रूप में मातृ शक्ति भगवान श्री महाकालेश्वर के मंदिर पहुंची थी। यहां भगवान के दर्शन के साथ ही मातृ शक्ति ने भगवान श्री महाकाल महाराज को ज्ञापन दिया। जिसमें बाबा महाकाल से मांग की गई कि सरकार को महाकाल सद्बुद्धि प्रदान करें और किसान की जमीन छीनने का विचार त्याग दें।

प्रांत बैठक में बनी अगली रणनीति-

 क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी,  प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, प्रांत अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पटेल ने सभी किसानों के साथ बैठक कर सहमति से आगे के आंदोलन की रणनीति बनाई। प्रांत के सभी पदाधिकारीयों की बैठक में निर्णय हुआ कि लैंड पुलिंग पर अब आर पार की लड़ाई लड़ने का वक्त आ गया है। जिन किसानों को नोटिस दिए गए हैं उनको जब तक वापस नहीं लिया जाएगा तब तक वहीं पर अपना डेरा जमाएंगे। साथ ही आंदोलन को तेज करने के निर्णय के साथ तय हुआ कि सभी जिला केंद्रों पर 10 नवंबर को ज्ञापन के माध्यम से सरकार को चेतावनी दी जाएगी।

ये रहे उपस्थित-

भारतीय किसान संघ का कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित दीपदान व महाकाल महाराज ज्ञापन कार्यक्रम में मालवा प्रांत की सैकड़ों मातृशक्ति के साथ अखिल भारतीय महिला संयोजिका मंजु दीक्षित, प्रांत महिला संयोजिका वैशाली मालवीया, क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी,  प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, प्रांत अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पटेल, संगठन मंत्री अतुल माहेश्वरी, महामंत्री रमेश दांगी, प्रांत मंत्री भारत बेस, महेश ठाकुर, डूंगर सिंह सिसोदिया, शांति लाल शर्मा, रेवाराम सेठ, दयाराम पाटीदार, रामप्रसाद सूर्या , दशरथ पंडिया एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे। जानकारी प्रांत प्रचार प्रमुख गोवर्धन पाटीदार ने दी।

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