उज्जैन के कलेक्टर को निर्देश  ,  जिले  और तहसील मुख्यालयों पर हेलीपैड निर्माण के लिए उपयुक्त शासकीय भूमि का चयन करें

उज्जैन। प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने अब प्रदेश के साथ ही उज्जैन शहर और तहसील मुख्यालयों पर भी हेलीपैड निर्माण के लिए योजना बनाई है। इसके लिए उज्जैन कलेक्टर को  उपयुक्त शासकीय भूमि चयन करने के लिए कहा गया है।

प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इसके तहत पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू की जा रही हैं, जिससे सभी प्रमुख शहरों, धार्मिक स्थलों और पर्यटन क्षेत्रों को हवाई मार्ग से जोड़ा जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन साल के भीतर राज्य के हर प्रमुख स्थान तक हवाई संपर्क स्थापित हो, जिसके लिए मौजूदा हवाई पट्टियों के विस्तार के साथ-साथ बड़े पैमाने पर हेलीपैड का निर्माण किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत उज्जैन  सहित पूरे प्रदेश में 200 हेलीपैड बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

विमानन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार शुक्ला ने हाल ही में एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला मुख्यालयों पर हेलीपैड निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। इस बैठक में उज्जैन इंदौर, ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर  के कलेक्टर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। अपर कलेक्टर नवजीवन विजय पवार ने इंदौर का प्रतिनिधित्व किया। शुक्ला ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिलों और तहसील मुख्यालयों पर हेलीपैड निर्माण के लिए उपयुक्त शासकीय भूमि का चयन करें। इसके लिए शासकीय संस्थानों, विश्वविद्यालयों और निगम मुख्यालयों जैसे सुरक्षित स्थानों को प्राथमिकता दी जा रही है।  योजना के तहत निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाएगा। होटल, हॉस्पिटल, बड़ी टाउनशिप और अन्य संस्थान जिनके पास पर्याप्त भूमि है, उन्हें हेलीपैड निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप इस योजना से प्रदेश में धार्मिक और पर्यटन क्षेत्रों के बीच आवागमन सुगम और सुविधाजनक हो जाएगा।

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