उज्जैन। सिंहस्थ के निर्माणों को लेकर धरातल कमजोर है और कागजों पर मजबूत इबारत लिखी जा रही है। धरातल पर काम के हालात कम ही हैं और कागजों में स्वीकृति दे दी गई है। काम में उलझनों की डोर मजबूत है और स्थल पर काम की डोर कमजोर है। अब तक 19 पूलों के निर्माण को स्वीकृति मिली है,इसमें से मात्र 2 के काम ही धरातल पर आए हैं। ठेकेदारों के काम में भी सुरक्षा के साथ तमाम नियमों की अनदेखी साफ है। सिंहस्थ के कामों को लेकर जिस गति…
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