खुसूर-फुसूर समृद्धि से सामना… मध्यप्रदेश अपने प्रारंभिक काल से ही समृद्ध रहा है। अपने उत्पत्तिकाल के दौरान भी यह बात सामने आई थी की विदर्भ के चले जाने के बाद प्रदेश में ऐसी या वैसी कमी रह जाएगी। ऐसा होगा…वैसा होगा…। उसके बाद भी प्रदेश अपनी समृद्धि के साथ आगे बढता रहा है। छत्तीसगढ के अलग होने के दौरान भी इसी प्रकार का वातावरण बनाया गया और मध्यप्रदेश को काफी कमजोर बताने की कोशिशें की गई। अपनी समृद्धि से मध्यप्रदेश बराबर आगे बढता रहा है। वन संपदा की बात हो…
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