खुसूर-फुसूर बडी ही तेजी से सुनवाई… चौथा स्तंभ समाज का आईना होता है। वैसे भी कहा गया है कि जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि। चौथा स्तंभ एवं वर्तमान काल के इस कवि को आधार देता है हमारे जनतंत्र का प्रशासन। आमजन की परवाह रखने वाला प्रशासन जन आहत संभावना के हर मुद्दे को संवेदनशीलता के साथ लेता है और चौथा स्तंभ की आशंका एवं कवि की बात को ध्यान रखते हुए अपने आदेशों के तहत ऐसी सभी घटनाओं को टालने का प्रयास करता है जो संभावित होती है।…
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