अब बच्चों का वैक्सीनेशन:23 मार्च को 12 वर्ष उम्र होना जरूरी

स्कूल का अगला सत्र लगने के पहले 15 अप्रैल तक टारगेट पूरा करेगा प्रशासन

इंदौर। प्रदेश में 23 मार्च से शुरू होने वाले 12 से 14 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन अभियान के तहत इंदौर में भी तैयारियां की जा रही है। जिले में इस उम्र के 1.10 लाख से ज्यादा बच्चे हैं जिन्हें वैक्सीन लगाई जाना है। इन बच्चों को स्कूलों में ही वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए ऑन लाइन व ऑफ लाइन दोनों की सुविधा रहेगी।टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता ने बताया कि इन बच्चों को कोबेवैक्स वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए वे बच्चे पात्र होंगे जिनका जन्म 2008 से 2010 के बीच हुआ हो। पहले डोज के 28 दिन बीत जाने के बाद दूसरा डोज लगाया जाएगा। 23 मार्च के बाद जो बच्चे 12 वर्ष के या उससे अधिक के होंगे वे संबंधित तारीख अनुसार पात्र होंगे। बहरहाल, अभी कोरोना संक्रमण काबू में है और स्कूल भी खुले हैं तो ऐसे में कोशिश की जा रही है कि 15 अप्रैल के पहले अधिकतम बच्चों को वैक्सीन लगाई जाए।
चूंकि, आने वाले दिनों में गर्मी काफी रहेगी और बच्चे डिहाइ़ड्रेशन का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में उनके लिए स्कूलों में ओआरएस भी उपलब्ध रहेंगे ताकि शरीर में नमक-पानी की कम न हो। पेरेंट्स से अनुरोध किया जाएगा कि बच्चों को कुछ खिलाकर ही सेंटर पर ले जाए। इसके बाद ही उन्हें वैक्सीन लगवाएं। जिन स्कूलों में सेंटर बनाए जाएंगे, उनकी सूची जल्दी ही जारी की जाएगी। इसके साथ ही ऑन लाइन या स्पॉट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था रहेगी।

क्या है कॉर्बेवैक्स वैक्सीन

इस वैक्सीन का निर्माण बायोलॉजिकल ई लिमिटेड कंपनी ने किया है। वैक्सीन के दो डोज में 0.5 एमएल दवा रहेगी। 21 फरवरी को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसे इमरजेंसी अप्रूवल दिया। इंदौर में 1.10 लाख बच्चों को यह वैक्सीन लगने के बाद उन्हें स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी और वे कोरोना संक्रमण से बच सकेंगे। इसके लिए जरूरी है कि वे समयानुसार दूसरा डोज भी जरूर लगवाएं।