माधवनगर-चरक भवन में शिफ्ट होंगे वार्ड, जमीदोज होगा संभाग का सबसे बड़ा जिला अस्पताल

उज्जैन। मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की योजना तैयार होने पर संभाग के सबसे बड़े जिला अस्पताल को अब जमीदोज किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अस्पताल भवन को तोड़ने का टेंडर ऑनलाइन होगा। संभावना है कि अगस्त-सितंबर माह से जिला अस्पताल में मरीज का उपचार बंद कर दिया जाएगा।

 

शहर में लंबे समय से मेडिकल कॉलेज बनाए जाने के लिए भूमि का चयन किया जा रहा था। कई स्थानों को देखने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय और प्रशासन में जिला अस्पताल परिसर में ही मेडिकल कॉलेज का भवन बनाने की योजना को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया। योजना पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। 700 करोड़ के लगभग से मेडिकल कॉलेज का भवन तैयार किया जाएगा। संभाग के सबसे बड़े 700 बिस्तर वाले जिला अस्पताल की बिल्डिंग को तोड़ने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने टेंडर प्रक्रिया को जारी कर दिया। ऑनलाइन टेंडर 18 से 20 जुलाई को खुल सकता है। बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल भवन को तोड़ने का शासकीय ठेका 75 से 80 लाख के बीच तय किया गया है लेकिन भवन तोड़ने का टेंडर खुलने पर राशि एक करोड़ से अधिक की सामने आ सकती है। जिला अस्पताल परिसर में आईसीयू वार्ड, इमरजेंसी कक्ष के साथ 80 से 100 बिस्तरों के 6 वार्ड, ओपीडी कक्ष, सिविल सर्जन कार्यालय, आईएमओ भवन, सेठी बिल्डिंग बने हुए हैं जिन्हें तोड़ा जाएगा। माना जा रहा है कि अगस्त-सितंबर माह से संभाग के सबसे बड़े जिला अस्पताल में मरीज का उपचार पूरी तरह से बंद हो सकता है।

 

वार्ड शिफ्टिंग को लेकर शुरू हुई तैयारी
जिला अस्पताल परिसर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज की तैयारी के बीच अस्पताल के सभी वार्डों को शिफ्ट करने की शुरूआत जल्द कर दी जाएगी। 700 बिस्तर वाले वार्ड माधव नगर और चरक भवन में संचालित किए जाएंगे। कुछ दिन पहले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने शिफ्टिंग को लेकर माधव नगर और चरक भवन का जायजा लेते हुए दिशा निर्देश भी जारी किए थे। उन्होंने मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसे देखते हुए सभी संसाधनों को जुटाने की बात कही थी। सिविल सर्जन डॉ. पी एन वर्मा के अनुसार माधव नगर और चरक भवन में सभी व्यवस्था पूरी कर ली गई है। अगले माह से दोनों भवनों में वार्ड शिफ्टिंग की शुरुआत कर दी जाएगी।

 

बीच में रोका गया निर्माण कार्य
कोरोना काल के बाद जिला अस्पताल परिसर के पिछले हिस्से में नए वार्ड बनाने को लेकर निर्माण कार्य शुरू किया गया था। जिसके चलते चामुंडा माता मंदिर के पिछले हिस्से से लेकर बहादुरगंज क्षेत्र के हिस्से तक बाउंड्री वॉल तैयार की गई थी। यहां अस्पताल के शासकीय क्वार्टर बने हुए थे जिन्हें तोड़ा गया था। निर्माण कार्यों को लेकर जहां खुदाई हो चुकी थी और भवन खड़ा करने के लिए पिलर बनाने और भवन के कक्षों को आकार देने का काम भी हो चुका था। लेकिन मेडिकल कॉलेज की मंजूरी होने के बाद निर्माण कार्यों को पूरी तरह से रोक दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि जितना निर्माण कार्य हुआ है उसमें लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं। हो सकता है कि मेडिकल कॉलेज भवन को लेकर उक्त निर्माण को भी जमीदोज किया जा सकता है। जिसके चलते लाखों की बर्बादी हो सकती है।