विरोध से शुरूआत,सामंजस्य से अंत

-कार्तिक मेला प्रांगण में जुटे हजारों ई-रिक्शा संचालक, जंतर-मंतर तक निकाली रैली

 

-प्रशासन,पुलिस,परिवहन के साथ ई-रिक्शा संचालकों की कंट्रोल रूम पर सामंजस्यपूर्ण चर्चा

उज्जैन। ई-रिक्शा संचालकों को सडक सुरक्षा समिति के निर्णय और शिफ्ट वार बनाई गई योजना रास नहीं आई और उन्होंने शनिवार को बडा प्रदर्शन किया है। कार्तिक मेला प्रांगण से हजारों ई-रिक्शा के साथ संचालकों ने जंतर मंतर तक रैली निकाली और उसके बाद कंट्रोल रूम पर प्रशासन के अधिकारियों से प्रतिनिधि मंडल ने सामंजस्य पूर्ण चर्चा की है। दोनों ही पक्षों ने एक दुसरे की परेशानी को समझा है प्रशासन की और से समस्या निदान का आश्वासन दिया गया है।

शनिवार पूर्वान्ह से ई-रिक्शा संचालक हजारों की संख्या में कार्तिक मेला प्रांगण में जुटे थे। ई-रिक्शा के लिए शहर में की गई नई व्यवस्था का विरोध करने के लिए ये सब एक हुए थे साथ ही हजारों की संख्या में वाहन रैली लेकर कोठी पैलेस जाने की योजना थी जिसे बाद में निरस्त कर वाहन रैली जंतर मंतर तक ही निकाला गया है।

ये है मुद्दा –

शहर के महाकाल जोन में प्रति‍दिन लगने वाले जाम को लेकर सडक सुरक्षा समिति की बैठक में तय किया गया कि इस जोन में ई-रिक्शा दो शिफ्ट में 1500-1500 चलेंगे। 8-8 घंटे की दो शिफ्ट उसके लिए बनाई गई है। इसके साथ ही अन्य सभी ई-रिक्शा शहर के अन्य जोन में चलेंगे। इसके लिए परिवहन कार्यालय से आवश्यक दस्तावेज पूर्ति करने पर ई-रिक्शा को लाटरी पद्धति से जोन आवंटित किए जा रहे हैं। जबकि मैजिक एवं आटो के लिए इस प्रकार का कोई बंधन नहीं किया गया है। इसी को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया गया।

विरोध रैली बनी संदेश रैली-

ई-रिक्शा संचालकों की रैली प्रारंभिक रूप से विरोध रैली के रूप में निकाली जाना थी। इसकी तैयारी भी थी। कार्तिक मेला क्षेत्र से यह रैली कोठी पैलेस तक निकालने की योजना थी लेकिन प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों की सक्रियता एवं सामंजस्य पूर्ण कार्रवाई से रैली कार्तिक मेला से शुरू होकर नर्सिंग घाट,लालपुल होते हुए जंतर-मंतर पर विसर्जित की गई। इस दौरान भी विरोध के स्वर न के बराबर रहे बल्कि रैली में पर्यावरण बचाने एवं जल बचाने के संदेश देने वाले नारे लगाए गए।

मजदूर संघ उतरा ई-रिक्शा के पक्ष में-

ई-रिक्शा संचालकों की परेशानी एवं समानता के व्यवहार की मांग को भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले उठाया गया है। संघ के किशनसिंह शेखावत के निर्देशन में असंगठित ई-रिक्शा परिचालक संघ के नाम से बल्लूसिंह ठाकुर के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन किया गया ।

हजारों की संख्या में जुटे ई-रिक्शा एवं संचालक-

असंगठित ई-रिक्शा परिचालक संघ के अध्यक्ष बल्लूसिंह ठाकुर का कहना है कि कार्तिक मेला प्रांगण में हजारों की संख्या में ई-रिक्शा लेकर संघ के सदस्य आए थे। हमने शहर आने वाले यात्रियों को और यहां के निवासियों को कोई परेशानी न हो इसे लेकर रैली का मार्ग छोटा करते हुए शहर से बाहर का रखा। हम समस्या का अंत चाहते हैं और समानता की बात रखने गए थे। जंतर मंतर तक रैली निकाली है वह भी पर्यावरण बचाने और जल बचाने के संदेश के साथ। इसके बाद कंट्रोल रूम में प्रतिनिधि मंडल ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी,एसपी,एसडीएम के समक्ष अपनी बात रखी है काफी बातों पर सहमति बनी है। हमें आश्वासन दिया गया है।

संघ ने रखा ये पक्ष-

बल्लूसिंह ठाकुर का कहना है कि उनके साथ प्रतिनिधि मंडल ने कंट्रोल रूम पर अधिकारियों को ज्ञापन देकर अपनी बात रखी है जिसमें महाकाल जोन में 8-8 घंटे की दो शिफ्ट के स्थान पर 10-10 घंटे की शिफ्ट किए जाने ,रूट का नियम मैजिक एवं आटो पर भी सख्ती के साथ लागू करने, ई-रिक्शा की पार्किंग की व्यवस्था करने,बाहर से आने वाली यात्री गाडियों को शहर के बाहर के पार्किंग में रोकने जिससे की बाहरी चौपहिया वाहनों से जाम होने की स्थिति को रोका जा सके,प्रशासन की और से निर्धारित प्रारंभिक 3 किलोमीटर का किराया 10 रूपए के स्थान पर 20 रूपए करने का पक्ष रखा गया है। श्री ठाकुर के अनुसार परिवहन कार्यालय से ई-रिक्शा के रूट लेने पर दोनो पक्षों में सहमति बनी है। शेष मांगों पर प्रशासन के अधिकारियों ने आश्वासन देते हुए समयानुकुल विचार उपरांत निर्णय लेने का कहा है।