तो बिजली कटौती की ये है असल कहानी…. उपभोक्ताओं की बिजली काटकर दूसरे राज्यों को बेच दी….इसलिए हो रही है कटौती

उज्जैन। जिस तरह से अन्य शहरों में बिजली कटौती होने से लोग परेशान है उसी तरह से उज्जैन में भी लोग खासे परेशान है लेकिन जो बिजली कटौती के पीछे जो असली कहानी सामने आई है वह यह है कि मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने अपने मध्यप्रदेश राज्य की बिजली काटकर दूसरे राज्यों को बेच दिया है और यही कारण है कि कंपनी शहरों के साथ ही गांवों में भी कई घंटे तक बिजली कटौती करा रही है। हालांकि यह सब कंपनी अपनी कमाई के लिए करा रही है लेकिन इससे लोग उमस और भीषण गर्मी में परेशान हो रहे है।

दो महीने में 1000 करोड़ रुपए की कमाई

बिजली विभागीय सूत्र यह बताते है कि      इस दौरान की बची हुई बिजली बेचकर दो महीने में 1000 करोड़ रुपए की कमाई तक कर ली है। गौरतलब है कि गर्मी और कड़ाके की धूप से पूरा मप्र तप रहा है। ऐसे में बिजली की डिमांड भी बढ़ गई है। लेकिन  अपने उपभोक्ताओं की चिंता न करते हुए बिजली कटौती शुरू कर दी है। मप्र में अघोषित कटौती के कारण शहर से लेकर गांव तक के उपभोक्ता जूझते रहे, उधर पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 401 करोड़ की बिजली दूसरे राज्यों को बेच दी। यह कारनामा अप्रैल का है। मई में भी बिजली बेचने का क्रम जारी रहा। इस तरह गर्मी के पिछले दो महीनों में मप्र से करीब 1000 करोड़ रुपए की बिजली बेची गई। लोग गर्मी से परेशान है, 24 घंटे बिजली मांग रहे थे, दूसरी ओर आयोग की गाइडलाइन के विपरीत (राज्य में उपभोक्ताओं की मांग को दरकिनार कर बिजली नहीं बेच सकते) बिजली बेची गई।

85.29 करोड़ यूनिट बिजली बेच दी
गर्मी के बीच रोजाना बिजली कटौती उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन गई है। लेकिन सरकार ऐसे समय में भी अपने फायदे में लगी हुई है। उपभोक्ताओं की बिजली कटौती कर दूसरे राज्यों को 85.29 करोड़ यूनिट बिजली बेच दी है। ओडिशा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना को 32.5 करोड़ यूनिट बिजली दी गई, जिसकी बाजार कीमत 160 करोड़ रुपए है। यह इस शर्त पर कि रबी में जब मप्र को जरुरत होगी, तब वापस कर दी जाएगी। वहीं अन्य राज्यों को 52.79 करोड़ यूनिट बिजली बेची गई। हालांकि सरकार का दावा पिछले वर्षों से अधिक बिजली इस साल उपभोक्ताओं को दी गई है। ऊर्जा मामलों के विशेषज्ञ सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि ब्रोकर के जरिए उक्त बिजली दूसरे राज्यों को बेची-बैंकिंग के लिए दी।  सभी जगह ट्रिपिंग व फॉल्ट के नाम पर कटौती की जा रही है। बेची व बैंकिंग की गई बिजली अनुबंधित संयंत्रों से अतिरिक्त बढ़े दामों पर खरीदी जा रही है। ऊर्जा विभाग की ओर से एक जून को आपूर्ति से जुड़े आंकड़े जारी किए। जिसमें बताया कि मई 2024 में 90512.31 लाख यूनिट बिजली दी है। यह मई 2023 की तुलना में 21.89 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह वर्ष 2024-25 में मई माह तक कुल 179492.38 लाख यूनिट बिजली दी जा चुकी है, जो गत वर्ष की इस अवधि में दी गई आपूर्ति की तुलना में 16.91 प्रतिशत अधिक है।