रेलवे ने बनाई है एक हजार करोड़ रुपए की योजना, शास्त्री ब्रिज का काम प्रारंभ करने से पहले वैकल्पिक पुल बनाएं

 

 

इंदौर। शहर के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से को जोड़ने वाले शास्त्री ब्रिज के जर्जर होने के बाद इसके पुनर्निर्माण की योजना पर काम किया जा रहा है। करीब एक हजार करोड़ रुपए की योजना में न केवल शास्त्री ब्रिज बल्कि इंदौर मुख्य रेलवे स्टेशन व पार्क रोड स्टेशन का भी विकास और आधुनिकीकरण किया जाना है।
विशेषज्ञ कह रहे हैं कि शास्त्री ब्रिज को तोड़ने के पहले वैकल्पिक पुल बनाया जाए, अन्यथा शहर का मध्यक्षेत्र ट्रैफिक से बदहाल हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि करीब 70 साल पुराना शास्त्री ब्रिज बेहद जर्जर हो गया है। इसकी दीवारों से सरिए निकलकर बाहर झांकने लगे हैं। दीवारों में कंपन और दरारें आ गई हैं। यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए रेलवे ने इसके पुनर्निर्माण की 1000 करोड़ की योजना बनाई है।

इस योजना के तहत आड़े-तिरछे प्लेटफार्म सीधे करने के अलावा थ्रू लाइन बिछाने के लिए ब्रिज के स्पान चौड़े किए जाएंगे। अभी शास्त्री ब्रिज के रेलवे पोर्शन में बॉटल नेक के कारण नई लाइन बिछाने या प्लेटफार्म सीधे करने की जगह नहीं मिल रही है। जिसका समाधान होगा। मुख्य स्टेशन और पार्क रोड स्टेशन के पुनर्विकास व आधुनिकीकरण के साथ सरवटे बस स्टैंड रोड के पार रेलवे की जमीन के व्यावसायिक विकास किया जाएगा।

… इसलिए जरूरी है नया ब्रिज बनाना

ब्रिज के जर्जर होने के अलावा, इंदौर स्टेशन पर थू लाइन नहीं होना पुनर्निर्माण का एक बड़ा कारण है। इस कारण इंजन रिवर्सल के लिए एक प्लेटफार्म खाली रखना पड़ता है।
इसी तरह टीही से आने वाली मालगाड़ियों के आवागमन के दौरान भी एक लाइन खाली रखना पड़ती है। इससे इंदौर स्टेशन का एक प्लेटफार्म हमेशा इंगेज रहता है और इंदौर से शुरू होने या टर्मिनेट होने वाली ट्रेनों को उस पर नहीं लिया जा सकता। भविष्य में जब इंदौर-दाहोद, छोटा उदेपुर-धार नई लाइन, महू- सनावद बड़ी लाइन परियोजनाएं पूरी होंगी और कई ट्रेनें इंदौर बिना रुके गुजरेंगी, तो इससे रेलवे को परिचालन संबंधी दिक्कतें आएंगी।
थू लाइन बनने से काफी हद तक इस समस्या का समाधान हो जाएगा। दूसरी परेशानी यह है कि इंदौर के दो, तीन और चार नंबर प्लेटफार्म अभी अत्यधिक घुमाव वाले हैं। इससे यात्रियों के साथ हादसे का खतरा बना रहता है। इससे निजात पाने प्लेटफार्म सीधे करना जरूरी है, पर शास्त्री ब्रिज के पिलर आड़े आ रहे हैं। नया ब्रिज बनेगा, तो रेल लाइन के ऊपर ब्रिज का स्पान ज्यादा चौड़ाई वाला बनाया जा सकेगा।

विशेषज्ञों का सुझाव- वैकल्पिक पुल बनाएं

आईडीए के पूर्व इंजीनियर और इंदौर नगर निगम की तकनीकी सलाहकार अतुल शेठ का कहना है कि शास्त्री ब्रिज को तोडकर नया शास्त्री ब्रिज बनाने की बात भी उठ रही है, लेकिन सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर यह फैसला लेना होगा, क्योंकि पहले ब्रिज का वैकल्पिक मार्ग जरुरी है।
पहले चार लेन नया ब्रिज बनाया जाए, फिर पुराने ब्रिज को तोडकर चारलेन नया बनाना चाहिए।