पत्नी की आत्महत्या के 4 दिन बाद पति ने किया सुसाइड

उज्जैन। मंदसौर और उज्जैन में निवास करने वाले त्रिवेदी परिवार में चार दिन में गमों का पहाड़ टूट पड़ा। पहले परिवार की बहू ने 2 बच्चों के साथ जहरीला पदार्थ खाया, बहू की मौत हो गई। चार दिन बाद पत्नी वियोग में पति ने भी जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया। घटना के पीछे रही वजह अब तक सामने नहीं आ पाई है।मंदसौर के पास मनासा में रहने वाले कमल पिता मदनलाल त्रिवेदी दिलीप बिल्डकॉन कंपनी में मैनेजर था। उसका ससुराल भैरवगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम धुलेटिया में है। सीमा से उसका विवाह हुआ। कमल ने एक मकान उज्जैन के एमआर-5 मार्ग रतन एवेन्यू में बना लिया था। एक बेटा अक्षत 14 वर्ष और बेटी माही 7 वर्ष थी। दोनों की परीक्षा खत्म होने पर सीमा उनके साथ मायके धुलेटिया आ गई थी। 15 दिन मायके में रहने के बाद वह रतन एवेन्यू स्थित मकान पर आई। 19 मई को वह बच्चों को लेकर बाजार गई और खरीददारी की। उसने अपनी सास को पहले ही कॉल कर दिया था कि रतन एवेन्यू में पूजा रखी है आप आ जाओं। सास भी 19 मई की शाम उज्जैन पहुंच गई थी। रात में 2 बजे सीमा ने दोनों बच्चों को जगाया और खाने के लिये चूर्ण दिया। बच्चों ने पूछा तो कहा कि गर्मी अधिक है खा लो बच्चों को उसने अपने हाथ से चूर्ण दिया और पानी पिलाकर सोने का कहा। कुछ दूर बाद बेटे अक्षत को घबराहट हुई। वह उठकर बैठ गया। सीमा उल्टियां कर रही थी। नाना बाबूलाल त्रिवेदी का मोबाइल पर जानकारी दी। नाना के आने की बात कहीं और पडोस में रहने वाले अंकल को जगाने के लिये। अक्षत ने समीप रहने वाले अंकल का जगाया। जिन्होने तीनों का जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां सीमा की मौत हो गई। चिमनगंज पुलिस ने सीमा के पिता बाबूलाल की ओर से मर्ग कायम किया। दोनों बच्चों को जिला अस्पताल से निजी अस्पताल ले जाया गया। पत्नी सीमा की मौत होने पर पति कमल त्रिवेदी जिला अस्पताल पहुंच गया था। दोनों बच्चों की हालत में सुधार होने पर उन्हे छुट्टी मिल गई। सीमा के अंतिम संस्कार के बाद से कमल डिप्रेशन में चला गया था। वह 3 दिनों से कुछ बोल नहीं रहा था। शुक्रवार को परिजनों की समझाईश के बाद वह घर से निकला। दोपहर में सांदपनी आश्रम के सामने उसने भी जहरीला पदार्थ खा लिया। हालत बिगड़ने पर परिजनों को खबर दी। उसे निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके। चिमनगंज थाना एसआई जितेन्द्र सोलंकी ने बताया कि कमल त्रिवेदी के जहर खाने के बाद उसके बयान दर्ज करने पुलिस पहुंची थी, हालत गंभीर होने पर बयान नहीं हो पाये थे। शाम को मौत की खबर मिलने पर मर्ग कायम कर शव को निजी अस्पताल से जिला अस्पताल लाया गया। पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया है।
ऐसा क्या हुआ किसी को पता नहीं
बताया जा रहा है कि परिवार के सबकुछ ठीक था। फिर ऐसा क्या हुआ कि चार दिनों में परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा। सीमा के पिता बाबूलाल त्रिवेदी ने बताया था कि बच्चे 15 दिनों से उनके यहां थे। सीमा भी आई थी उसकी बहन भी मायके आ गई थी। ऐसा कुछ नहीं लगा था कि लौटने के बाद बच्चों को जहर देकर खुद भी खा लेगी। इधर कमल का परिवार भी कुछ समझ नहीं पा रहा है। सीमा ने जहर खाने से पहले रात 12 बजे पति से मोबाइल पर बात की थी, तब भी ऐसा कुछ नहीं हुआ था कि सीमा इतना बड़ा कदम उठा ले। चिमनगंज थाने के एसआई सुरेन्द्र मंडलोई दोनों बच्चों के बयान दर्ज ्रकरने निजी अस्पताल पहुंचे थे। जहां पुत्र अक्षत ने बताया था कि दिन में बाजार गये थे, शाम को खाना खाया, टीवी देखी और सो गये थे। रात में मम्मी ने जगाया था और चूर्ण दिया था। अक्षत भी कुछ नहीं बात पा रहा है।