पुलिस की जांच-पड़ताल में फरियादी ही निकाला षड़यत्रकरी गिरवी रखे 16 लाख के आभूषणों चोरी होने की झूठी दर्ज कराई थी रिपोर्ट

उज्जैन। 16 लाख के आभूषण चोरी होने के मामले का पुलिस ने रविवार को पर्दाफाश कर दिया। रिपोर्ट दर्ज कराने वाले ने षडयंत्र रचकर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 14 दिनों तक पुलिस बदमाशों का पता लगाती रही। जब कुछ साक्ष्य नहीं मिले तो वारदात स्थल का दोबारा से जायजा लिया गया, परिवार के फिगंर प्रिंट लिये गये। जिसमें सामने आया कि आभूषण प्रायवेट बैंक में गिरवी रखकर लोन लिया गया है। आभूषण पुस्तैनी है, जिसका बंटवारा होना के डर से साजिश रची गई थी। सीएसपी श्वेता गुप्ता ने बताया कि 5 मई को गंगा विहार में विक्रांत खत्री के यहां छत के रास्ते लाखों के आभूषण चोरी होने का मामला नागझिरी थाना पुलिस ने दर्ज किया था। विक्रांत ने बताया था कि वह अपने भाई का निधन होने पर उसके घर गया था, उसी रात चोरी हुई है। टीआई कमल निगवाल की टीम ने जांच शुरू की। कालोनी में लगे कैमरों के फुटेज देखे गये। सभी रास्तों को चैक किया गया। चौकीदार से पूछताछ की गई, यहां तक कि गमी वाले दिन विक्रांत खत्री के यहां आये मेहमानों से तक पूछताछ की गई, लेकिन चोरी का ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला। दोबारा से वारदात स्थल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान सामने आया कि जिस रास्ते बदमाशों के घर में आने की बात कहीं गई है, वहां से कोई भी अंदर नहीं आ सकता है। वारदात सामने आने के बाद फिगंर प्रिंट लिये गये थे। जिससे मिलान करने के लिये परिवार के ही फिगंर प्रिंट लिये गये। जिसमें फरियादी ही संदेह के घेरे में आ गया। पूछताछ करने पर उसने झूठी रिपोर्ट दर्ज करना कबूल कर लिया। उसने बताया कि बंटवारे के डर से उसने साजिश रची थी। आभूषण सालभर पहले मणिपुरम गोल्ड बैंक में गिरवी रखकर 7 लाख 60 हजार का लोन लिया है। सीएसपी गुप्ता के अनुसार उन्होने बैंक पहुंचकर आभूषणों की तस्दीक की, जो सुरक्षित रखे होना पाये गये। अब मामला न्यायालय और वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष पेश किया जाएगा। विक्रांत के खिलाफ धारा 182, 211 का प्रकरण दर्ज किया जा सकता है। भाई के सुसाइड के बाद था बंटवारे का डर चोरी की वारदात सामने आने से पहले साइंस कॉलेज में पदस्थ भृत्य विक्रांत खत्री के छोटे भाई विशाल ने सुसाइड कर लिया था। उसका कुछ समय पहले ही विवाह हुआ था। 4 मई को पूरा परिवार विशाल के यहां गमी में शामिल होने गया था। विक्रांत का डर था कि आभूषण पुस्तैनी है, भाई की मौत के बाद बंटवारे की बात सामने आ सकती है। जिसके चलते उसने साजिश रची और पुलिस को बताया कि 5 मई की सुबह उसकी मां ने सबसे पहले चोरी की सूचना उसे दी थी। जब वह घर पहुंचा तो छत पर लगे वेंटिलेशन की प्लास्टिक शीट उखड़ी हुई थी। जहां से बदमाशों ने घर में आकर पेटी में रखे 2 सोने के हार, एक सोने का मंगलसूत्र, सोने के 2 जोडी कंगन, सोने की 3 अंगूठी, 1 चेन, चांदी की पायजेब चोरी हुई है। मीडिया को आभूषणों के फोटोग्राफ भेज विक्रांत खत्री के मकान में हुई चोरी सामने आने के बाद मीडिया ने उससे संपर्क किया था, उसने बड़ी ही चतुराई से चोरी गये आभूषणों के फोटोग्राफ मीडिया को उपलब्ध कराते हुए भाई का निधन होने पर उसके यहां जाने और रात में वहीं रूकने की बात बताई। मीडिया को यह भी कहा कि आभूषण लाखों के है, पुलिस किसी को कुछ भी बताने से मना कर रही है। पुलिस ने जल्द बदमाशों का पता लगाने की बात कहीं है। बैंक प्रेस नोट में थे विक्रांत के पिता चोरी की जांच-पड़ताल में लगी पुलिस को इस बात का पता चला था कि विक्रांत के पिता देवास बैंक प्रेस नोट में थे। उन्होने ही परिवार के लिये आभूषण बनवाए थे, जो पुस्तैनी है। पिता अशोक खत्री का 2021 में निधन हो गया था। जिसके बाद आभूषण दोनों भाई के होना थे, लेकिन भाई के सुसाइड करने पर उसकी पत्नी का हक आभूषणों पर होने के चलते विक्रांत ने साजिश को अंजाम दिया।