गर्मी में ठंडक, महाकाल जी के लिए 11 मटकी इस्कॉन में राधा-मदन मोहन को चंदन का लेप

 

– मौसम के अनुरूप भगवान का सूती वस्त्रों से शृंगार, ठंडे फलों का भोग 

– मोगरे की कलियों से सजाए जा रहे फूल बंगले, फव्वारों में स्नान करा रहे

दैनिक अवंतिका उज्जैन।   

वैशाख मास में पड़ रही भीषण गर्मी में भगवान को ठंडक प्रदान करने के लिए मंदिरों में पुजारी तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। महाकाल मंदिर में गर्भगृह के अंदर भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए 11 मटकियां लगाई गई जिससे सतत जलधाराएं प्रवाहित हो रही है। वहीं भरतपुरी स्थित प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर में भगवान श्री राधा-मदनमोहन जी को ठंडक प्रदान करने के लिए चंदन का लेप किया जा रहा है। 

गर्मी में भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए तरह-तरह के उपाय परंपरागत रूप से मंदिरों में किए जाते हैं। महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि भगवान महाकाल जी को ठंडक प्रदान होती रहे इसके लिए गर्भगृह में 11 मटकियों से एक साथ जलधारा शिवलिंग पर प्रतिदिन भस्मारती बाद से शाम को संध्या पूजा होने तक प्रवाहमान रखी जा रही है। इस्कॉन मंदिर के पीआरओ राघव पंडित दास ने बताया कि भगवान के विग्रहों को चंदन का लेप लगाकर शीतलता प्रदान की जा रही है। 

महाकालेश्वर व इस्कॉन दोनों 

जगह आरती का समय बदला

महाकाल मंदिर में रोज होने वाली आरती के समय में बदलाव होली पर गर्मी शुरुआत होते ही कर दिया गया है। प्रतिदिन सुबह की दद्योदक आरती, भोग आरती जल्दी व शाम की संध्या आरती देरी की जा रही है। वहीं इस्कॉन मंदिर में भी दर्शन आरती का समय सुबह 7.30 की जगह गर्मी के दिनों में सुबह 8.30 बजे का कर दिया गया है। भगवान श्रीकृष्ण को पूरी तरह चंदन से लेपित किया जा रहा है। चंदन लेपित भगवान के दर्शन सुबह 8.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 4 से 8.10 बजे तक हो रहे हैं।

सांदीपनि आश्रम में कृष्ण को ठंडक को

खरबूज, तरबूज, ककड़ी, अंगूर का भोग

 

गर्मी में ठंडक बनाए रखने के लिए सांदीपनि आश्रम में भगवान श्री कृष्ण को रसभरे फलों का भोग लगाया जा रहा है। जिसमें खरबूज, तरबूज, आम, अंगूर, ककड़ी आदि शामिल है। पुजारी पं. रूपम व्यास ने बताया कि भगवान को सुबह ठंडे जल से स्नान करवाया जा रहा है। उसके बाद अभिषेक करते हैं। भोग में दूध भी गरम कर ठंडा करने के बाद ही लगाया जाता है। भोजन में दाल, चावल और रोटी के साथ छाछ, मट्ठा आदि परोस रहे हैं। शृंगार में भगवान को सूती वस्त्र ही धारण करा रहे हैं जिससे की गर्मी न लगे। साथ ही नित्य मोगरे की कलियों अर्पित की जा रही है।