कलयुग के श्रवण कुमार का इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज

रिकॉर्ड तारक दीक्षांत समारोह में रौनक गुर्जर को किया आमंत्रित

उज्जैन। इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स के दीक्षांत समारोह में विश्व में एक अलग रिकॉर्ड्स कायम करने वालों को निमंत्रण दिया गया जिसमें से एक कलयुग के श्रवण कुमार जी हां उज्जैन के रहने वाले रौनक गुर्जर जो कि आज विश्व में कलयुग के श्रवण कुमार के नाम से जाने जाते हैं इन्हें भी इंडिया बुक का रिकॉर्ड के दीक्षांत समारोह निमंत्रण दिया गया 11 में 2024 को आयोजित हरियाणा के फरीदाबाद में आईबीआर पर निमंत्रण किया गया यहां पर रिकॉर्ड धारको को दीक्षांत समारोह में निमंत्रण दिया गया जहां उज्जैन के रौनक गुर्जर जो कि विश्व में कलयुग के श्रवण कुमार से के नाम से जाने जाते हैं
जिन्होंने अपने माता के प्रति प्रेम भावना प्रकट करते हुए अपनी जंग से चमड़ी निकलवा कर चरण पादुका बनवाकर उन्हें अर्पित की थी.. जो कि अब तक किसी भी युग में इस तरह का माता के प्रति बेटे ने किसी ने नहीं किया वह युग में रौनक गुर्जर करके इतिहास में अपना नाम एक बार फिर श्रवण कुमार के नाम से दर्ज कराया और एक नया रिकॉर्ड कायम किया इसे के तहत इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स द्वारा आयोजित रिकॉर्ड्स धारा को के दीक्षांत समारोह में रौनक गुर्जर को निमंत्रण किया गया और यहां उनका मोमेंट देकर सम्मान किया और इंडिया बुक का रिकॉर्ड रौनक गुर्जर का कलयुग के श्रवण कुमार के नाम से नाम दर्ज किया

इधर फरीदाबाद से वापस लौटते वक्त12 mai को उज्जैन रेलवे स्टेशन पर रौनक गुर्जर का उनके इष्ट मित्रों ने स्टेशन पर पुष्प मालाओं से स्वागत कर उनका अभिनंदन किया उसके बाद विशाल रैली के रूप में रेलवे स्टेशन से शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए अपने निवास शांति बनी नगर पुरानी टंकी के पास ढांचा भवन अपने श्री राम के आंगन पहुंचे।

यहां रौनक गुर्जर ने अवंतिका से बातचीत में कहा कि तो अपने माता के प्रति प्रेम भावना प्रकट इसका अंदाजा नहीं था कि विश्व में आज माता के आशीर्वाद से मेरा इतना नाम होगा का अंदाजा भी मुझे नहीं था… और कहां की जो कुछ भी मैंने मेरी माता के लिए किया है वह नाम के लिए नहीं मेरा समर्पण था यह तो छोटी सी बात है जितना करो माता के लिए उतना कम है मेरे लिए नहीं यह हर बेटे के लिए।