महाकाल में निकले एक हजार साल पुराने  शिव मंदिर को 65 लाख खर्च कर बनाएंगे 

 

– 70 खंडों को जोड़ेंगे, निर्माण के लिए राजस्थान से आ रहे कारीगर

– कुछ नया कुछ पुराना मिला-जुला नजर आएगा यह शिव मंदिर  

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान निकले एक हजार साल पुराने शिव मंदिर को 65 लाख रुपए खर्च कर बनाया जाएगा। इसमें 70 खंडों को जोड़ने की योजना है जो खुदाई के दौरान जमीन के अंदर से निकले थे। 

मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के कारीगर आ रहे हैं। इसमें कुछ नया व कुछ पुराना मिला-जुला यह मंदिर अब नए स्वरूप में नजर आएगा। लेकिन पुरातत्व विभाग की निगरानी में इसका निर्माण होगा और जितने भी प्राचीन आवशेष मंदिर के रूप में खुदाई के दौरान निकले हैं उन सब को इस मंदिर में कही न कहीं जोड़ा जाएगा ताकि देश व दुनियाभर से उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने आने वाले लाखों श्रद्धालु इस मंदिर के भी देखकर हमारी प्राचीन धरोहर के दर्शन कर सकेंगे। समिति के अधिकारियों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण 6-8 माह में हो जाएगा।
2021 में खुदाई के दौरान निकला था 

ये मंदिर, परमारकालीन बताया जाता है 

महाकाल मंदिर परिसर में नव निर्माण के लिए की जा रही खुदाई के दौरान वर्ष 2021 में यह शिव मंदिर निकला था। जिसे पुरातत्व विभाग ने निरीक्षण के बाद एक हजार साल पुराना होकर परमारकालीन होना बताया था। मप्र पुरातत्व विभाग ने इस मंदिर के सारे अवशेष संग्रहित कर मंदिर में ही सुरक्षित रखे है। खुदाई में शिवलिंग के साथ ही अन्य प्राचीन प्रतिमाएं भी निकली थी। 

चुनाव बाद तेज होगा मंदिर निर्माण

60 प्रतिशत पत्थर मंदिर में ही रखे

मंदिर निर्माण की स्वीकृति पूर्व में ही मिल चुकी है और इसकी तैयारी बहुत पहले से चल रही थी। लेकिन हाल ही में लोकसभा चुनाव के चलते इसका कार्य रुक गया था। मप्र पुरातत्व विभाग के अफसरों का कहना है कि चुनाव बाद इसका निर्माण कार्य तेज हो जाएगा और जल्द ही मंदिर बनकर तैयार होगा। क्योंकि 60 प्रतिशत तक पत्थर मंदिर में ही तैयार रखे हुए है। 

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