एक्सपर्ट प्लानिंग में बड़ी चूक, ट्रैफिक होगा जाम, शहर भुगतेगा खामियाजा

 

 

जिस ब्रिज के लिए बीआरटीएस तोड़ा, उसके निर्माण पर उठे सवाल

निरंजनपुर ब्रिज का ढलान एमआर-11 जंक्शन से 97 मीटर दूर

 

इंदौर। इंदौर में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड द्वारा चार चौराहों पर फ्लाई ओवरब्रिज का निर्माण किया गया, जिसमें आईटी पार्क खंडवा रोड, मुसाखेड़ी, सत्यसांई, और निरंजनपुर चौराहा शामिल है। सत्यसांई और निरंजनपुर चौराहे पर बीआरटीएस कॉरिडोर में ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए 450 करोड़ की लागत से बने बीआरटीएस के एक बड़े हिस्से को हटाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर शहर के निरंजनपुर चौराहे पर बनने वाले फ्लाय ओवरब्रिज की प्लानिंग को लेकर शहर के सामाजिक कार्यकर्ता और स्ट्रक्चर इंजीनियर अतुल सेठ ने सवाल खड़े करते हुए एमआर- 11 सड़क और एबी रोड का ट्रैफिक जाम होने दावा किया है।
इसकी शिकायत उन्होंने एमपीआरडीसी महाप्रबंधक राकेश जैन को भी है, लेकिन जैन ने कहा- ब्रिज से आने वाले ट्रैफिक को जंक्शन से अधिकतम दूरी पर रखने का प्रयास किया है, इसलिए प्लानिंग सही है।

जंक्शन बना तो 60 मीटर रह जाएगी दूरी —-

मांगलिया से निरंजनपुर, देवास नाका तक शहर का हेवी ट्रैफिक एबी रोड से गुजरता है। यहां प्रतिदिन 4 से 5 लाख वाहन गुजरते हैं, जिसमें हेवी ट्रक और ट्रॉले शामिल हैं। इन्हीं के कारण यहां जाम की स्थिति बनती है। इसी समस्या का निदान करने के लिए निरंजनपुर चौराहे पर एमपीआरडी
74 करोड़ रुपए की लागत से फ्लाय ओवरब्रिज का निर्माण कर रहा है। ब्रिज की प्लानिंग पर सवाल उठाने वाले अतुल सेठ ने बताया कि प्लानिंग के दौरान मास्टर प्लान की एमआर-11 सड़क जो कि 60 मीटर चौड़ी है, उसको अधिकारियों ने 15 फीट की गली समझ लिया और ब्रिज प्लानिंग कर दी, जबकि यह सड़क बायपास से एबी रोड को जोड़ती है।
यही कारण है ब्रिज की प्लानिंग करते समय बड़ी चूक हो हुई। ब्रिज का ढलान एमआर 11 से 60 मीटर दूरी पर होगा, जिससे ब्रिज बनने के बाद यहां यातायात की बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। जंक्शन पर सिग्नल लगा तो 60 मीटर में वाहनों की लम्बी कतारें लगेंगी, जिससे पूरा क्षेत्र जाम हो जाएगा।

वर्जन —

जंक्शन से ब्रिज का ढलान अधिकतम दूरी है, प्लानिंग सही है
ब्रिज की प्लानिंग में कमी है, इसके संबंध में कलेक्टर आशीष सिंह, आईडीए सीईओ का ध्यान आकर्षित किया है। ब्रिज के ढलान और जंक्शन की दूरी बहुत कम है। एमपीआरडीसी के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी है। यदि सुधार नहीं होगा तो शहर सालों तक
इस चूक का खामियाजा भुगतेगा। –

अतुल सेठ, स्ट्रक्कर इंजीनियर

किए गए हैं प्रयास, बनी रहेगी जाम की समस्या

यहां हेवी ट्रैफिक और जाम दिखाई दिया, यहां एमआर-11 सड़क पर आने और जाने वाले ट्रकों के कारण जाम लग रहा था। यहीं पहले ट्रैक यू टर्न लेते थे, लेकिन कट को बंद कर
दिया है।
वर्तमान एमआर-11 सड़क की चौड़ाई 10 मीटर है। यहां सड़क आईडीए 60 मीटर चौड़ी बनाने की तैयारी कर रहा है। ब्रिज निर्माण के बाद सड़क जंक्शन यहां बनाया जाता है तो निश्चित रूप से जाम की समस्या बढ़ेगी।
अगर निरंजनपुर चौराहे पर ब्रिज नहीं होता तो भी एमआर- 11 जंक्शन पर सिग्नल लगाने पड़ते। हमने प्लानिंग में कोई गलती नहीं की है। सभी तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखा है। इसके बावजूद भी जो आपत्ति मिली है, इस संबंध में चर्चा की जाएगी। ब्रिज से जंक्शन के बीच अधिक से अधिक दूरी रखी जाए। इसके प्रयास किए है।

– राकेश जैन, महाप्रबंधक एमपीआरडीसी

संज्ञान में आया विषय —

निरंजनपुर बिज की प्लानिंग को लेकर विषय संज्ञान में आया है, एमपीआरडीसी के अधिकारियों से चर्चा की जा रही है। आईडीए वरिष्ठ अधिकारियों और यातायात विशेषज्ञों से चर्चा करना है।

सबसे अधिक परिधि का ढलान —

वहीं मामले में एमपीआरडीसी के महाप्रबंधक राकेश जैन ने बताया की ब्रिज की प्लानिंग सही है। जब इसको तैयार किया गया तो सभी विषय को ध्यान में रखा गया। शहर में चार ब्रिज का निर्माण हो रहा है, आईटी पार्क, मूसाखेड़ी और सत्यसाई ब्रिज पर 3 का रेडियंट लिया, लेकिन निरंजनपुर चौराहे पर 4 रखा गया है। जंक्शन से ब्रिज की दूरी 97 मीटर होगी। यहां सिग्नल लगाए जा सकते है। ब्रिज निर्माण से पहले डिजाइन पर सभी आवश्यक अनुमति ली है, यहां समस्या ब्रिज निर्माण के पहले से ही है।

– आरपी अहिरवार, सीईओ आईडीए

जंक्शन नहीं बनाया जाए —

दिन जाम लगता है, यहां पूरा दिन एमआर- -11 पर बड़े ट्रक-ट्रॉले आते हैं। यदि यहां भविष्य में जाम की समस्या से बचना है तो जंक्शन बनाने की प्लानिंग बदलनी होगी।

– दिनेश जाधव, पेट्रोल
पम्प कर्मचारी