पेंशन बढी तो बिचौलियों का कमीशन भी बढ गया

 

 

-स्लम क्षेत्रों में आज भी कमीशन दे रहे हैं विधवा,असहाय,वृद्धजन सामाजिक सुरक्षा पेंशन का

उज्जैन। सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढने पर महज उसे प्राप्त करने वाले ही खुश नहीं हैं, वो भी खुश हैं जिन्होंने बिचौलिये रह ऐसे आवेदकों के प्रकरणों में हस्तक्षेप किया है। भले ही अत्याधुनिक तरीके से पेंशन ग्रहिता तक पहुंच रही है उसके बाद भी बिचौलिये को उसका कमीशन पूरी इमानदारी से पेंशन ग्रहिता बढाकर दे रहे हैं। अब तक इस मामले में लिखित शिकायत तो सामने नहीं आई है लेकिन हितग्राही मौखिक रूप से इसकी स्वीकारोक्ति देते हैं।

नगरीय क्षेत्र में नगर निगम सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करता है। इसके तहत विधवा, असहाय, वद्धावस्था एवं अन्य पेंशन दी जाती है। तीन दशक पूर्व यह पेंशन 150 रूपए थी उसकी बाद 300 रूपए हुई और वर्तमान में यह पेंशन प्रतिमाह 600 रूपए दी जा रही है। बिचौलियों को दरकिनार करने के लिए पेंशन संबंधित हितग्राही के बैंक खाते में सीधे जमा होती है। इसके बाद भी पेंशन में से हितग्राही को बिचौलियों को कमीशन देना पड रहा है। यह कमीशन 10 फीसदी का बताया जा रहा है।

अब 60 रूपए देने पडते हैं-

नगर निगम की पेंशन शाखा से शहर के हितग्राहियों को पेंशन दी जाती है। करीब 19 हजार से अधिक हितग्राही विभिन्न पेंशन के तहत दर्ज बताए जाते हैं। सूत्र जानकारी दे रहे हैं कि पूर्व में जब 150 रूपए पेंशन दी जाती थी उस समय में मनीआर्डर किए जाते थे। उस समय हितग्राहियों की मौखिक शिकायत रहती थी कि किसी और ने उनकी पेंशन ले ली या उनसे कमीशन मांगा जाता है। 10 फीसदी कमीशन के मान से 15 रूपए लिए जाने की मौखिक शिकायत रही और लिखित शिकायतों में तत्कालीन दौर में जांचें हुई और मामले भी दर्ज हुए। 300 रूपए मासिक पेंशन के समय से बैंक खातों में पेंशन जाना शुरू हुई। उस दौर में भी हितग्राहियों की मौखिक शिकायतें रही है कि उनसे 30 रूपए कमीशन लिया जाता है। अब जबकि 600 रूपए पेंशन के बैंक खाते आनलाईन हो चुके हैं। खातों भी के वाय सी के तहत हैं, इस समय भी कुछ हितग्राहियों की मौखिक शिकायतें सामने आती है कि उनसे बिचौलिए 10 फीसदी के मान से प्रतिमाह 60 रूपए कमीशन लेते हैं।

गरीब बस्तियों में ज्यादा कमीशन खोरी-

सूत्र जानकारी दे रहे हैं कि बिचौलियों के कमीशनखोरी के ये मामले ज्यादातर गरीब बस्ती क्षेत्रों से ही सूनने में आते हैं इन मामलों में मौखिक तौर पर ही हितग्राही बोलते हैं। ऐसे मामलों की लिखित शिकायतें सामने नहीं आती है। कुछ दिनों पहले नानाखेडा क्षेत्र के एकतानगर,संजय नगर सहित आधा दर्जन बस्ती से इस तरह का मामला मौखिक तौर पर सामने आया था। इसमें बिचौलिया कमीशन खोर एक वरिष्ठ महिला का नाम मौखिक तौर पर हितग्राही ने बताया था। पेंशन रूकने पर हितग्राही ने शाखा में संपर्क साधा था। तब ये जानकारी सामने आई थी लेकिन लिखित शिकायत नहीं होने पर मामले में नगर निगम भी कुछ नहीं कर सका।

नहीं देते लिखित शिकायत-

नगर निगम की पेंशन शाखा में बिचौलियों एवं कमीशन खोरी के मामले अमूमन कुछ कुछ दिनों में मौखिक तौर पर सूने जाते हैं लेकिन हितग्राही को लिखित में शिकायत मांगने पर वह मुकर जाता है। ऐसा एक दो बार नहीं कई बार सामने आ चुका है जिसमें लिखित शिकायत की स्थिति में जानकारी देने वाला मुकर गया। पेंशन शाखा के सूत्रों का कहना है कि बगैर लिखित शिकायत के जांच करना संभव नहीं है । बिचौलियों के कमीशन खोरी के मामले मौखिक तौर पर ही सामने आते हैं।