करोड़ों के बैंक घोटालेबाज की पत्नी को इंदौर हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत

 

इंदौर। करोड़ों रुपये के बैंक घोटाले में फंसी मुंबई की जूम डेवलपर्स कंपनी के कर्ता-धर्ता विजय चौधरी की पत्नी मंजरी चौधरी को मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से राहत नहीं मिल सकी। मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने उसे भी आरोपी बनाया है। मंजरी ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसे न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने खारिज कर दिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जूम डेवलपर्स के निदेशक विजय चौधरी को दो वर्ष पहले मुंबई से गिरफ्तार किया था। उस पर लगभग 2650 करोड़ रुपये के बैंक लोन फर्जीवाड़ा का आरोप है। ईडी ने प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट में उसे पकड़ा है। ईडी ने चौधरी की पत्नी मंजरी को भी बाद में आरोपी बना दिया।

19 दिसंबर 2022 को उसके खिलाफ मनी लांड्रिंग केस में पूरक चालान प्रस्तुत किया गया था। मंजरी ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उसकी ओर से कहा गया था कि उसके खिलाफ की गई कार्रवाई गलत है और इसे निरस्त किया जाए। ईडी की ओर से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल हिमांशु जोशी ने तर्क रखे। ईडी की ओर से कहा गया कि मंजरी के खिलाफ भी पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं। इसी आधार पर उसे सह आरोपित बनाया गया है।