डीजे बाबू जरा धीरे बजा,बारात प्रोशेसन को सडक के एक और चला

 

-निर्धारित से अधिक आवाज से आम जन के साथ हृदयाघात के मरीज भी परेशान

-सडकों पर जाम के हालात बनने से पहले ही एक्शन लें जिम्मेदार,मैरिज गार्डन वालों को चेताया जाए

उज्जैन। वैवाहिक सीजन की धूम शुरू हो चुकी है। जमकर मुहुर्त निकले हैं और जमकर ही शादियों के आयोजन हो रहे हैं। आचार संहिता लागू होने से ऐसे में आम शहरी के हित में डीजे बाबू का,बारात प्रोसेशन,मैरिज गार्डन वालों का नियमों के तहत नियंत्रण में रहना जरूरी है। इसके विपरित ही सब कुछ चल रहा है। नियमों को ताक में रखकर सब कुछ किया जा रहा है।

इन दिनों शादी ब्याह सहित अन्य कार्यक्रमों की धूम है। अधिकांश गली मोहल्ले में ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे का जमकर उपयोग में सरकारी निर्देशों का उल्लंघन साफ तौर पर देखा जा रहा  है। यहां तक की कुछ मामलों में तो साफ तौर पर ही नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। नतीजा यह है कि डीजे के आवाज ने लोगों की नींद हराम कर दी है। कानफोडू आवाज से आम जन परेशान हैं। यहां तक की अस्पताल के सामने भी जमकर डीजे बजाया जाता है। सुप्रीम कोर्ट में पर्यावरण ध्वनि प्रदूषण प्रभावों से मुक्त करने के लिए  साउंड सिस्टम में लाउडस्पीकर चलाकर निर्देश का उल्लंघन करने वाले के विरूद्ध कार्रवई का प्रावधान किया है। इसके विपरित सुबह हो या दिन ओर शाम या रात डीजे संचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं। डीजे संचालको में ज्यादा आवाज के साथ डीजे सेट चलाने की होड सी देखी जा रही है। अनुमति में तय निश्चित दायरे से ज्यादा तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा है। डाक्टरो के मुताबिक तेज आवाज से व्यक्ति मानसिक तनाव में आता है और ऐसे में ह्दयघात होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

पूरी सडक पर प्रोसेशन-

डीजे की बडी-बडी गाडियों के साथ ही बारात का प्रोसेशन दिन हो ,सुबह हो, शाम हो, रात हो निकाला जाता है। शहर के व्यस्ततम मार्ग पर प्रोसेशन पूरी तरह से फैला हुआ चलता है । इससे आवागमन करने वालों को काफी परेशानी हो रही है साथ ही जाम के हालात भी निर्मित हो रहे हैं।शहर के चौडे मार्ग पर तो फिर भी जैसे –तैसे वाहन चालक आवागमन कर लेते हैं लेकिन सकरे मार्गों पर तो आवागमन करने वालों को प्रोसेशन का हिस्सा बनकर पीछे –पीछे चलना मजबूरी है या आसपास के कोने कुचाले में दुबकना।

मैरिज गार्डनों की जांच हो-

शहर में चल रहे मैरिज गार्डन की भी जांच नगर निगम को तत्काल ही कर लेना चाहिए। ऐसा न हो कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में हुए हादसे की तरह बाद में ही जागना नियती बन जाए। नगर निगम क्षेत्र के मैरिज गार्डनों में अग्निशमन की व्यवस्थाओं और पार्किंग की व्यवस्थाओं को लेकर तत्काल ही एक्शन लिया जाना आवश्यक बन पडा है। गर्मी को देखते हुए यह जरूरी हो गया है। अधिकांश मैरेज गार्डनों का संचालन नियमों को ताक में रखकर किया जा रहा है। मैरेज गार्डन के सामान्य नियमों को भी यहां पूर्ति नहीं किया गया है।