कंजर गिरोह के चार बदमाशों ने तोड़ा था कृषक के मकान का ताला – 51 दिन बाद हिरासत में आया एक, तीन साथियों की तलाश

उज्जैन। कृषक परिवार के मकान का दिनदहाड़े ताला तोड़ने वाले बदमाश कंजर गिरोह के होना सामने आए हैं। 51 दिन बाद पुलिस ने एक को हिरासत में लेकर मामले का खुलासा किया। तीन साथियों की तलाश की जा रही है। बदमाशों ने 4.97 लाख के आभूषण चोरी किए थे। फरार बदमाशों के गिरफ्त में आने पर आभूषणों की बरामदगी की जाएगी। भैरवगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम गोयला बुजुर्ग में रहने वाले किसान मांगीलाल पिता आशाराम चौधरी के मकान का 9 मार्च की दोपहर बदमाशों ने ताला तोड़कर अलमारी और दीवान पेटी में रखें सोने-चांदी के आभूषण 55 हजार कीमत का सोने से बना हार, 25 ग्राम से अधिक का बाजूबंद, सोने का मंगलसूत्र, 25 ग्राम बाजू में पहने वाला कड़ा, 400 ग्राम वजनी चांदी की पायजेब, 500 ग्राम चांदी का पैर में पहने वाला आमला और हजारों की नगदी चोरी कर ली थी। करीब 4 लाख 97 हजार रुपए से अधिक की चोरी होना सामने आने पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर बदमाशों की तलाश शुरू की थी। 51 दिन बाद पुलिस को सफलता मिली। देवास जिले के पीपलरावा कंजर डेरे में रहने वाले रविंद्र उर्फ रावेंद्र पिता भगवतिया सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में बदमाश ने तीन साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देना कबूल किया है। उप निरीक्षक हेमराज यादव ने बताया कि गिरफ्त में आए बदमाश की निशानदेही पर एक लाख रुपये नगद और चोरी में उपयोग की गई बाइक बरामद की गई है। आरोपी को गुरुवार दोपहर न्यायालय में पेश किया गया था जहां से जेल भेजा गया है। बदमाश के साथियों की गिरफ्तारी होने पर आभूषण बरामद किए जाएंगे। पोते से गेहूं मांगने आये थे 2 बाइक सवार 9 मार्च को हुई दिनदहाड़े वारदात के बाद कृषक मांगीलाल चौधरी ने बताया था कि खेत पर फसल कटाई का काम चल रहा था। परिवार सुबह से खेत पर था। वह सुबह 11.30 बजे पोते के साथ घर से खेत पर जाने के लिये निकल रहे थे। उसी दौरान 2 युवक बाइक से आए थे और पोते से गेहूं मांगने लगे थे। लेकिन गेहूं की कटाई चल रही थी। उसके बाद खेत पर चले गए थे। शाम को लौटने पर कल टूटा मिला था। आसपास के लोगों ने बताया था कि उन्होंने बाइक पर सवार चार बदमाशों को मांगीलाल के घर के सामने खड़ा देखा था जो मोबाइल पर बात कर रहे थे लेकिन ऐसा लग नहीं था कि वह बदमाश है। कृषक और गांव वालों ने होने पर वारदात की आशंका जताई थी।