अब प्रदेश में विद्यार्थी की विषय कमजोरी 5 वीं,8 वीं  में ही जान लेंगे

 

-प्राथमिक एंव माध्यमिक से ही नींव सुधारने के लिए माइक्रो लेवल स्केनिंग की शुरूआत

 

उज्जैन। प्रदेश में विद्यार्थी की विषय कमजोरी अब 5 वीं एवं 8 वीं में ही सामने आ जाएगी। इसके लिए प्राथमिक एंव माध्यमिक स्तर की परीक्षा में माइक्रो लेवल स्केनिंग की शुरूआत हो गई है। इस बार से ही परीक्षा की कापियां बोर्ड पेटर्न पर जांची गई है और आनलाईन ही उनके मुल्यांकन की स्थिति चढाई गई है। यहां तक की रेंडम रोल नंबर का पूर्नमुल्यांकन भी किया गया है।

देश में पहली बार मध्यप्रदेश में सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 5 वीं- 8 वीं के करीब 25 लाख विद्यार्थियों की माइक्रो लेवल स्कैनिंग की जा रही है। यह प्रयोग अपने मध्यप्रदेश में हो रहा है। इससे पता चलेगा कि छात्र किस विषय में किन बिंदुओं में कमजोर हैं। यह भी साफ होगा कि ज्यादातर छात्र कहां गलती कर रहे हैं, कमजोर पक्ष कौन से हैं, कहां फोकस करने की जरूरत है ?

मुल्यांकन की एंट्री एप पर-

राज्य शिक्षा केंद्र ने इस वर्ष वैज्ञानिक अध्ययन का पूरा खाका तैयार किया है। इस बार 5वीं 8 वीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर हुई थी। विभाग के पास सभी विद्यार्थियों का डेटा कलेक्शन है। एक असेसमेंट टूल डेवलप किया गया है। जो शिक्षक कॉपी जांच रहे हैं, उन्हें मोबाइल एप पर एंट्री करनी होगी। इसमें पहले से सवाल फीड हैं। एक एंट्री करने में 35-40 सेकंड लगते हैं। इससे यह पता चलेगा कि छात्र ने ● किस सवाल में क्या गलती की है।

कहां गलती की विद्यार्थी ने सामने आएगा-

आमतौर पर कहा जाता है कि छात्र गणित में कमजोर है। लेकिन, अब यह पता चलेगा कि कितने छात्र जोड, घटाव, भाग, गुणा, फ्रेक्शन आदि में से कहां गलती कर रहे हैं, यह स्थिति स्पष्ट होगी। छात्र गणित के किस चैप्टर में गलती करते हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकृत सूत्रों के अनुसार यह एक वैज्ञानिक अध्ययन है। देश में इस तरह का काम किसी राज्य ने नहीं किया है। इससे पता चलेगा कि हमारे विद्यार्थी कहां कमजोर हैं। सब कुछ अच्छा है, बोल देने से ही सब अच्छा नहीं हो जाता। स्कूलों को भी पता चलेगा कि वे क्या कर रहे हैं। जून तक काम पूरा होगा।

जिले में हुआ रेंडम पुर्नमुल्यांकन-

माइक्रो लेवल स्केनिंग को लेकर डीपीसी अशोक त्रिपाठी बताते हैं कि विद्यार्थियों की नींव मजबूत करने के लिए ही इस पैटर्न का उपयोग राज्य स्तर से किया जा रहा है। उनके अनुसार इसमें पूरा डाटा हमारे पास है। अब जैसे एक ही विद्यालय के 10 में से 9 विद्यार्थियों ने एक ही प्रश्न में गडबड की है तो यह भी सामने निकल कर आ जाएगा। ऐसे में अध्ययन और अध्यापन के बीच की दूरी को भी कम किया जा सकेगा। राज्य स्तर से रेंडम रोल नंबर भी इसी के तहत भेजे गए थे उनका पूर्नमुल्यांकन करते हुए ही आनलाईन एप पर इंट्री की गई है। प्रारंभिक चेकिंग में और पूर्नमुल्यांकन में आए परिवर्तन को आनलाईन स्पष्ट किया गया है।

 

24 के बाद 10 वीं-12वीं का रिजल्ट संभव…

एमपी बोर्ड दसवीं-बारहवीं का रिजल्ट अप्रैल के आखरी सप्ताह में आ सकता है। माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकृत सूत्रों के अनुसार अप्रैल के आखिरी सप्ताह में 10 वीं-12 वीं का रिजल्ट आ सकता है। हालांकि इसकी डेट अभी फाइनल नहीं हुई है मगर कॉपियों का वैल्यूएशन पूरा हो चुका है। सभी जगह से मार्क्स कलेक्ट किए जा रहे हैं। रिजल्टस इन दिनों कंपाइल हो रहे हैं, संभावना है कि 24 अप्रैल के बाद परिणाम जारी हो सकते है। बोर्ड पिछले डेढ़ महीने से लगातार रिजल्टस को लेकर तैयारियां कर रहा है।