महाकाल में अब पुलिस का दखल बढेगा

 

 

-सुरक्षा एजेंसी एवं पुलिस की मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था  और भीड प्रबंधन को लेकर रहेगी जिम्मेदारी

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में अब पुलिस का दखल बढेगा। मंदिर में सुरक्षा और भीड प्रबंधन को लेकर पुलिस और निजी सुरक्षा एजेंसी की जिम्मेदारी को पृथक- पृथक किया जाएगा। इसकी तैयारी कर ली गई है। इस योजना पर जल्द ही काम किया जाना तय है। महाकाल मंदिर में सुरक्षा के साथ ही क्राउड मैनेजमेंट प्रमुख पक्ष हैं। इसके चलते इस व्यवस्था के दो भाग किए जाएंगे।

मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी मृणाल मीणा बताते हैं कि अभी वर्तमान में मंदिर में पुलिस का दखल काफी कम है। श्री मीणा बताते हैं कि पुलिस के दखल को यहां उनके आवश्यकता के स्थल पर बढाया जाएगा। इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसी एवं पुलिस के कामों का विभाजन करते हुए काम किया जाएगा । इसके तहत पुलिस अपने काम को अंजाम देगी और सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी अपने कामों को अंजाम देंगे। इससे सुरक्षा व्यवस्था एवं क्राउड मेनेजमेंट में काफी सहुलियतें होंगी। सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों को पुलिस से प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा।

 

 

हाई ब्रिड फायर सिस्टम , फायर आफीसर –

भविष्य को लेकर चिंतित मंदिर समिति ने अग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया है। मंदिर परिसर में अग्नि की घटनाओं पर तत्काल काबू के लिए हाई ब्रिड सिस्टम की तैयारी कर ली गई है। गर्भगृह के फायर सिस्टम को भी और अपडेट किया जा रहा है। मंदिर समिति अपना फूल टाईम फायर आफीसर भी नियुक्त करने की तैयारी कर रही है। बकौल श्री मीणा गर्भगृह और उसके आसपास के क्षेत्र के लिए फायर सिस्टम को अपडेट किया जा रहा है। इसके अलावा मंदिर परिसर में आग पर काबू करने के लिए पूरे परिसर का प्लान तैयार किया गया है। यहां हाई ब्रिड फायर सिस्टम लगाने की योजना को जल्द ही अंजाम दिया जाएगा। उसके लिए पानी के बडे टेंक को अगले 4-5 माह में तैयार कर लिया जाएगा। हाई ब्रिड की तमाम आधुनिक व्यवस्थाओं को श्रद्धालुओं के हितार्थ अंजाम दिया जाएगा।

 

नंदी गृह में भी अब नंदी के पीछे ही बैठेंगे श्रद्धालू-

पूर्व में गृभगृह में पुजारी,पुरोहित के साथ सेवकों की संख्या काफी रही है। इसे देखते हुए गर्भगृह में संख्या को नियंत्रित किया गया है। इस पर अमल भी शुरू कर दिया गया है। यहां तक की भस्मार्ती में भी अब नंदी के पीछे ही श्रद्धालुओं को बैठाया जा रहा है। वी वी आई पी की स्थिति में ही किसी को आगे बैठाया जा सकेगा। इसके साथ ही नंदी गृह की संख्या भी नियत कर दी गई है। अब ज्यादातर श्रद्धालुओं को नंदी गृह के पीछे बेरिकेडस से ही दर्शन करवाए जा रहे हैं। भस्मार्ती में भी वहीं बैठाया जा रहा है। मंदिर में आम श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढावा देने के लिए समिति ने हाल ही में त्रिवेणी संग्रहालय के पास से ही शामियाना लगवाया है। श्रद्धालुओं के पैरों को जलने से रोकने के लिए भी मेटिंग लगवाई गई है। इसके साथ ही महाकाल लोक भ्रमण में आने वाले वरिष्ठों के लिए उपलब्ध ई-कार्ट वाहनों का उपयोग बढाने की और ध्यान दिया है। श्री मीना बताते हैं कि हमारे पास ई-कार्ट की संख्या कम है। अभी आदर्श आचार संहिता लगी हुई है। इसमें हम दान दाताओं में बैंक और अन्य से इसके लिए अपनी बात रखेंगे। जरूरी हुआ तो ई-कार्ट गाडियों की खरीद भी करेंगे।