मामूली धोखाधड़ी की जांच कर रही इंदौर क्राइम ब्रांच को मिला 8 अरब का ट्रांजेक्शन

 

इंदौर। साधारण सी धोखाधड़ी की जांच कर रही क्राइम ब्रांच सैकड़ों करोड़ का ट्रांजेक्शन देखकर चौंक गई। जालसाजों को खातों की सप्लाई इंदौर के महालक्ष्मी नगर से हो रही थी। एक बैंक खाते में 800 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन मिला है जो हनुमानगढ़ (राजस्थान) की एक फर्म के नाम पर खुला था।
क्राइम ब्रांच द वाइन ग्रुप (टीवीजी) धोखाधड़ी केस की जांच कर रही थी। पुलिस ने आदित्य मुकेश बोड़ोतर (निपानिया), आदित्य मालवीय (सुसनेर) और मानव उर्फ नरेश लोहार को गिरफ्तार किया तो पता चला आरोपी महालक्ष्मी नगर स्थित एक होटल से गिरोह संचालित कर रहे थे। इनका काम गरीब, मजदूर, छोटे दुकानदार और जरूरतमंदों के नाम पर बैंक खाते (करंट) खुलवा कर ठगों तक पहुंचाना था।
मानव को खाते खुलवाने पर वेतन नहीं, बल्कि खाते में जमा होने वाली राशि का 30 प्रतिशत तक कमीशन मिलता था। उनके द्वारा खुलवाए खातों में प्रतिदिन करोड़ों रुपये जमा हो रहे थे। एक खाता हनुमानगढ़ (राजस्थान) की अनाज की फर्म का मिला, जिसमें 800 करोड़ (आठ खरब) रुपयों का ट्रांजेक्शन हुआ है। इसमें जमा हुई राशि गुजरात होते हुए इंडोनेशिया पहुंची थी।
साइबर एक्सपर्ट अभी तक 20 से ज्यादा खातों को खंगाल चुकी है। इसमें लसूड़िया के पूजा टेंट हाउस, सुदीप्ता इंटरप्राइजेस, कटार इंटरप्राइजेस, सुनील इंटरप्राइजेस के नाम के करंट खाते शामिल हैं। पुलिस ने होटल का रजिस्टर जब्त किया है। आरोपितों ने बताया सरगना बगैर एंट्री के होटल में रुकता था। एजेंट की काउंसलिंग और अच्छे कमीशन का लालच देता था।

बेरोजगारों और कामकाजी महिलाओं से रोज करोड़ों ठगे

पुलिस ने प्रीति मालवीय की शिकायत पर केस दर्ज किया है। प्रीति को द वाइन ग्रुप में एड किया और कहा कि कंपनी विदेशों में शराब की सप्लाई करती है। कुछ ही समय में निवेश की राशि को दोगुना कर लौटा देती है। इस तरह लोगों ने जमकर रुपये जमा करवाए। जैसे ही सैकड़ों करोड़ रुपये जमा हुए कर्ताधर्ताओं ने ग्रुप और साइट खत्म कर फोन नंबर बंद कर लिए।

मोबाइल में बैंक एजेंट की चैटिंग

पुलिस ने आरोपियों के फोन की जांच की तो आईडीएफसी, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक के एजेंट के चैटिंग मिली जो करंट अकाउंट खोलने के संबंध में चर्चा कर रहे थे। आरोपी फर्जी कंपनी व फर्म खोलकर करंट खाते खुलवाते थे। अशोक मालवीय का एक खाता मिला गोल्डन जिम के नाम से खोला गया था। इसमें 45 लाख रुपये जमा हुए थे। पुलिस को इसी खाते के माध्यम से आठ अन्य खातों की जानकारी मिली जो फर्जी थे।
इंडोनेशिया की दूसरी लिंक हाथ लगी
यह दूसरा माड्यूल है जिसकी अंतिम लिंक इंडोनेशिया जा रही है।