April 28, 2024

दैनिक अवंतिका की खबर की ग्रामीण ने शिकायत के साथ पुष्टि की उज्जैन। जिले में विद्युत कंपनी के कतिपय लाईनमेन कृषकों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। दैनिक अवंतिका ने 18 मार्च को इस मुद्दे को उठाया था । किसान संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने भी इसकी पुष्टि की थी। साथ ही यह बात भी सामने आई थी की किसान को डीपी परिवहन के 500 रूपए भी नहीं दिए जा रहे हैं उल्टा शार्टेज के नाम पर कृषकों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। इस मामले की पुष्टि शनिवार को  माकड़ोन तहसील के ग्राम मेरगढ़ के कृषक ओमप्रकाश पिता हीरालाल ने की है।आर्थिक शोषण से पिडित कृषक ने शनिवार को परेशान होने के बाद मिडिया के सम्मुख अपनी पुरी आप बीती रखी है। यहां तक की उसने लाईनमेंन के दिए गए झांसे और विद्युत कंपनी को दिए जा रहे धोखे के प्रमाण भी पेश कर दिए । कृषक ने अपनी शिकायत से कंपनी के अधिकारियों को भी मय दस्तावेजी प्रमाण के अवगत करवाया फिर भी लाईनमेंन के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है।ये बताया कृषक ने-कृषक ओमप्रकाश ने बताया कि उसने विद्युत ट्रांसफार्मर लगाने के लिए लाइनमैन सुनील लोहार विद्युत मंडल रूपाखेड़ी से संपर्क किया। सुनील ने कृषक से 11 हजार 600 रुपये लेकर इस राशि की  फर्जी रसीद काटकर 15 दिन में ट्रांसफार्मर लगाने की बात कही और कहा कि 50 हजार रुपये और लगाना पड़ेंगे। तत्काल लोहार को 50 हजार रुपये नकद भुगतान किए गए। इस प्रकार कुल 61 हजार 600 रुपये चुकाए गए। इसके 4 माह बीत जाने के बावजूद आज तक ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया। कई बार तकादा करने पर लाईन मेन लगातार टालमटोल करता रहा। इसके साथ ही 20 हजार रुपये की और मांग की जा रही है। नहीं देने पर धमकी दी जा रही है कि नहीं लगेगा, जो कर सकते हो कर लो। कृषक ओमप्रकाश ने विद्युत कंपनी के अधिकारियों के साथ ही पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर इस संबंध में उचित कार्रवाई की मांग की।  जी जानकारी में है,जांच जारी है- गंगवाल कृषक के आरोप एवं कृषकों के साथ कतिपय लाईनमेंनों की कारगुजारी को लेकर तराना क्षेत्र के डीई विजय गंगवाल से जानकारी लेने पर उनका कहना था कि जी हां कृषक ओमप्रकाश ने लाईन मेन के खिलाफ शिकायत की है। पूरा मामला हमारी जानकारी में है। शिकायत को जांच के लिए दिया गया है। संबंधित जांच अधिकारी जांच कर रहे हैं। जांच के दौरान क्या तथ्य आते हैं उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। कृषकों को डीपी के नाम पर कतिपय लाईनमेंन आर्थिक शोषण कर रहे हैं एवं कृषकों को डीपी परिवहन के 500 रूपए भी नहीं मिल रहे हैं पूछे जाने पर उनका जवाब था कि इस तरह की कोई शिकायत उनके पास नहीं आई है। शिकायत आने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।फर्जी रसीद का मामला गंभीर- कृषक ओमप्रकाश के अनुसार लाईनमेन ने उससे 11 हजार 600 रूपए लेकर उसे एक रसीद दी है जो फर्जी है। कृषक के तथ्यों पर गौर किया जाए तो मामला बेहद संवेदनशील हो गया है। जिस आधार और जानकारी के साथ कृषक रसीद को फर्जी बता रहा है उससे तो साफ हो रहा है कि लाईनमेन अकेला इस तरह के कृत्य को अंजाम देने की हिमाकत नहीं कर सकता है। ऐसे में मामले की जांच के लिए विद्युत कंपनी को वरिष्ठ अधिकारियों की टीम को तराना भेजकर इसकी जांच करवाना चाहिए।