सोनी वापस बनेंगे यूडीए सीईओ यामहाकाल मंदिर प्रशासक?

यूडीए सीईओ का चार्ज भी किसी को नहीं सौंपा
यूडीए की कई फाइलें अधर में लटकी

ब्रह्मास्त्र. उज्जैन

निवाड़ी ट्रांसफर किए गए अपर कलेक्टर दोबारा महाकाल मंदिर प्रशासक के रूप में लौटेंगे या यूडीए के कार्यपालन यंत्री पद पर पदस्थ होंगे। सूत्रों का कहना है सोनी प्रशासक या सीईओ के रूप में वापस आ सकते हैं। यूडीए सीइओ का चार्ज भी अभी किसी को दिया नहीं गया है।

शासन ने सोनी का ट्रांसफर कर दिया है और वे भारमुक्त भी हो चुके हैं। इस आदेश में बदलाव संभव नहीं फिर भी चर्चा चल पड़ी है कि सोनी वापस आने का प्रयास कर रहे हैं। सोनी के स्थानांतरण के साथ अचानक कार्य मुक्त हो जाने से विकास प्राधिकरण में सैकड़ों फाइल अधर में लटक गई, जिनमे भूखंड आबंटन के जमा करवाए गए अनेक आवेदकों के रिफंड , प्राधिकरण से एनओसी, फ्रीहोल्ड के अनेक प्रकरण जो महीनों से लंबित पड़े थे जिनकी सभी विधिवत प्रक्रिया पूर्ण होने पर अंतिम स्वीकृति के लिए तत्कालीन मुख्यकार्यपालन अधिकारी संदीप सोनी के हस्ताक्षर होना बाकी थे इस बीच उनके अचानक स्थानांतरण हो जाने से दूसरे दिन सोनी भोपाल की ओर रवाना हो गए और स्थानांतरण निरस्ती की कारवाई में उज्जैन से चले जाने से सारी फाइलें हस्ताक्षर न होने से अधर में लटक गई। उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण के साथ महाकाल मंदिर प्रशासक का दोहरा चार्ज होने से सोनी महाशिवरात्रि पर्व होने से 28 फरवरी से प्राधिकरण कार्यालय नहीं जा पाए थे और उनके हस्ताक्षर होने के लिए अनेक फाइलें पड़ी थीं, जिसमें से कुछ खास बातें फाइलें तो उनके द्वारा हस्ताक्षर कर आगे बढ़ा दी और अनेक बिना हस्ताक्षर से अधर में लटक गई। इधर मार्च का महीना और वहीं आचार संहिता की नजदीकी के साथ वित्तीय वर्ष की गाइड लाइन बढ़ने की संभावना के बीच कई प्लॉट होल्डर्स को भारी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वसंत विहार योजना में शांतिबाई प्रजापत की फ्रीहोल्ड प्रकरण पिछले तीन माह से लंबित होकर अंतिम स्वीकृति के लिए पड़ा है। उसी प्रकार महानंदा नगर योजना का संजय मदन गोपाल का प्रकरण फ्रीहोल्ड के लिए पिछले 4 महीनों से अंतिम स्वीकृति के लिए लाइन में था, वह भी अधर में फंस गया। इसी के साथ प्राधिकरण की अनेक एनओसी , भूखंड आबंटन ,योजना स्वीकृति की अनेक फाइलें धरी की धरी रह गए गई।