प्रदूषण की चपेट में आ रहे ट्रैफिक जवान और अधिकारी,,,,,

उज्जैन। शहर और जिले में तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवान और अधिकारी प्रदूषण की चपेट में आ रहे हैं । शहर में दो और चार पहिया वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है । ट्रैफिक नियंत्रण के लिए प्रमुख चौराहे पर पुलिस जवानों और अधिकारीयों की तैनाती रहती है ।

कारण है कि एक ही स्थान पर लगातार दूषित वायु के संपर्क में आकर यह विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं । जिले का यातायात अमला अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं है । एक्सपर्ट की माने तो इस बात के प्रति शासन प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है । उज्जैन शहर के प्रमुख मार्गों पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव को ही आधार बनाया जाए तो वाहनों के जमघट के बीच जहरीले धुँए में अपने कर्तव्य को निभाने वाला ट्रैफिक अमला यह जानता है कि वह अपनी जान को हथेली पर रखकर काम कर रहा है, बावजूद इसके अमला कहीं ना कहीं बेबस नजर आ रहा है । चर्चा में अधिकारी नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर कहते हैं शासन के पास सारे इनपुट है लेकिन निर्णय भी उन्हीं के स्तर पर होता है हमारा काम तो ड्यूटी लगने पर अपना कर्तव्य पालन करना है । ऐसे में स्वास्थ्य को लेकर सोचे भी तो कर कुछ नहीं सकते? लोग अपनी लग्जरी लाइफ जीने के लिए वाहनों की संख्या बढ़ाते जा रहे हैं वही कोलाहल और वायु प्रदूषण के प्रति उनकी अपनी कोई सोच नहीं है यही कारण है कि अमला कहीं ना कहीं बीमारियों से पीड़ित होते जा रहा है । जिला टीबी रोग अधिकारी डॉक्टर रेणुका डामोर के अनुसार ट्रैफिक अमले को तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते फेफड़े का कैंसर, अस्थमा, श्वास रोग, आदि गंभीर बीमारी की आशंका रहती है अमले को ड्यूटी के दौरान समय-समय पर पानी और मास्क का प्रयोग लगातार करना चाहिए…ट्रैफिक डीएसपी विक्रम सिंह कनपुरिया के अनुसार विभाग द्वारा ट्रैफिक जवानों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए मेडिकल कैंप आयोजित करते हैं यह सही है कि वायु प्रदूषण के कारण जवानों को बीमारियों का सामना करना पड़ता है ।

रिपोर्ट विकास त्रिवेदी