April 16, 2024

जिले के निजी अस्पतालों में 10,000 बेड सुरक्षित, मरीजों के साथ लूटपाट न हो इसकी भी कोशिश, कोविड केयर सेंटर फिर होंगे सक्रिय

ब्रह्मास्त्र इंदौर। कोरोना की तीसरी लहर ओमिक्रॉन के संक्रमण के मद्देनजर इंदौर जिले में एहतियातन पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं। सभी ऐसे प्रायवेट अस्पताल जिनकी क्षमता 50 बेड से अधिक है, उनमें न्यूनतम 10 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिये आरक्षित रखे जाएंगे। आवश्यकता पड़ने पर संक्रमित मरीजों के लिये बेड्स की संख्या बढ़ाई जाएगी। जिले में अस्पतालों में लगभग 10 हजार बेड्स की व्यवस्था रहेगी। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिये विशेष व्यवस्था रहेगी। इनके लिये अस्पतालों में विशेष बेड रखे जाएंगे।
यह जानकारी कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा ली गई निजी अस्पताल संचालकों और डॉक्टर्स की बैठक में दी गई। सभी अस्पताल संचालकों और डॉक्टर्स को आगाह किया कि वे अभी से तैयार रहें। साथ ही अपने स्टाफ को भी ओमिक्रॉन संक्रमण से निपटने के लिये तैयार रखें। न्यूनतम 10 प्रतिशत बेड संक्रमित मरीजों के लिये अभी से आरक्षित रखें। पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टर्स को प्रशिक्षित भी करें। दवाईयों का भी पर्याप्त इंतजाम रखा जाये। डॉक्टर्स यह सुनिश्चित करें कि निर्धारित दर पर ही इलाज हो। पैथॉलॉजी जाँच भी निर्धारित दर पर की जाये। डॉक्टर्स ऐसा इलाज करें जिससे कि मरीजों के ऊपर अनावश्यक वित्तीय भार नहीं आये। उन्होंने बताया कि जिले में सभी कोविड केयर सेंटरों को पुन: सक्रिय किया जा रहा है। एक या दो दिन में राधास्वामी कोविड केयर सेंटर में भी सभी व्यवस्थाएं पूर्ववत जुटा ली जाएंगी। सभी को सतर्क एवं सक्रिय रहने की जरूरत है।
जिला आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे ने कहा कि कोशिश ऐसी करें कि किसी को भी परेशानी नहीं हो। जरूरत पड़ने पर सभी को इलाज मिले। बेड्स की संख्या पर्याप्त रखी जाये। उन्होंने कहा क‍ि एक साउथ अफ्रीकन डाटा के अनुसार पता चला है कि ओमिक्रॉन संक्रमण का फैलाव तेज गति से होता है। ऐसे लोगों को भी भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है जिन्होंने टीके नहीं लगवाये हैं। टीका लगवाने वाले व्यक्तियों और ऐसे व्यक्ति जिन्हें पूर्व में कोरोना हुआ है वे भी संक्रमित हो रहे हैं। कोई भी अस्पताल अभी वर्तमान में कोरोना मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं करें। जिला आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य श्री गौरव रणदीवे ने कहा कि सभी अस्पताल निर्धारित दरों से ही मरीजों का इलाज करें।