हाईकोर्ट के जज की कार लूटने के मामले में एबीवीपी के दो लोगो पर डकैती का मामला दर्ज, गिरफ्तार 

ग्वालियर। मप्र के ग्वालियर में एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के दो सदस्यों पर हाई कोर्ट के एक जज की कार लूट के आरोप में पुलिस ने मामला दर्ज किया है।वही एवीपीबी के लोगो का कहना है कि एक बुजुर्ग बीमार था और उसे चिकित्सीय सहायता की जरुरत थी इसलिए कार का उपयोग जान बचाने के लिए किया न कि लूटा।पुलिस ने गलत तरीके से प्रकरण दर्ज किया है। वही पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल का कहना है कि मामले में शिकायत की गयी थी इसलिए प्रकरण दर्ज किया गया है और छिनी गयी कार भी आरोपियों के पास से बरामद की गयी है।

ग्वालियर पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि बताया जाता है मामला पड़ाव पुलिस स्टेशन का है। पड़ाव पुलिस को एक कार चालाक ने फोन कर सूचना दी कि दो लोग उसकी कार छीन कर ले गए है। कार हाईकोर्ट के जज की है। इस जानकारी के बाद तत्काल पुलिस एक्शन में आई और कार को एक अस्पताल से बरामद कर दो लोगो को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। उन्होंने कबूल किया कि उन्होंने कार बिना अमुमति के ली थी। उनके खिलाफ लूट का मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।

वही एवीबीपी के लोगो का कहना है कि दिल्ली के रहने वाले और शिवपुरी में कार्यरत प्रोफेसर रणजीत सिंह यादव की ग्वालियर आते समय ट्रेन में तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें बेहोशी की हालत में स्टेशन पर उतारा गया था, लेकिन उन्हें ले जाने के लिए काफी देर तक जब एंबुलेंस नहीं आई तो वहां मौजूद एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ता स्टेशन के पोर्च में खड़ी एक सफेद रंग की कार को उसके ड्राइवर से छीन कर ले गए। इस कार में उन्होंने बेहोशी की हालत में प्रोफेसर रणजीत सिंह यादव को लिटाया हुआ था। लेकिन जब मामले में तूल पकड़ा तो छात्र सकते में आ गए। उन्होंने अब पुलिस से मामले को वापस लेने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि उनका मकसद किसी की जान बचाना था न कि कार को लूटना। इसलिए उन पर डकैती जैसा संगीन अपराध दर्ज नहीं किया जाए ।फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।