पुरातत्व विभाग ने भी माना महाकाल  से निकली प्रतिमाएं मलबे में फेंक दी – जिम्मेदारों पर हो कार्रवाई, नंदी के अलावा और भी हो प्रतिमाएं हो सकती है

 
दैनिक अवंतिका उज्जैन। महाकाल मंदिर से निकली प्रचीन नंदी पिछले दिनों शहर की कॉलोनी में पड़े मलबे में आदि की प्रतिमाओं के मामले में अब पुरातत्व विभाग ने भी मान लिया है कि यह प्रतिमाएं मलबे में फेकी गई थी। ये प्रतिमाएं मंदिर में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान खुदाई में निकली थी। उस समय इन प्रतिमाओं को आसपास ही जगह पर रख दिया गया था। लेकिन बाद में जब खुदाई का मलबा डंफरों में भरकर कॉलोनियों में फेंका गया तो जिम्मेदारों ने बड़ी लापरवाही करते हुए इन प्राचीन प्रतिमाओं को ही मलबे के साथ फिकवा दिया। वह बाद में जब मलबा उठाने के बाद महामृत्युंजय द्वार के निकट एक कॉलोनी में निजी प्लॉट पर ये प्रतिमाएं नजर आई तो बवाल मचा। तहसीलदार और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बनाया था पंचनामा नंदी जी की प्राचीन मूर्ति मिलने की खबर के बाद प्रशासन की ओर से तहसीलदार शेफाली जैन व पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और पंचनामा बनाकर उक्त प्रतिमाओं को संग्रहालय में सुरक्षित रखवाया। और माना कि उक्त प्रतिमाएं महाकाल से खुदाई के दौरान निकले मलबे के साथ  ही यहां पहुंची है। ऐसी और भी प्रतिमाएं हो सकती है। मलबा फिकवाने वाले अधिकारी पर होना चाहिए सख्त कार्रवाईमहाकाल मंदिर के आसपास खुदाई से निकली पुरासंपदा को सहेजने की बजाए मलबे में फेक रहे हैं। इस तरह की बड़ी लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ तो सख्त कार्रवाई होना चाहिए।कांग्रेस के प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने इस संबंध में कहा कि प्रशासन इस संबंध में कार्रवाई करें।